म्युचुअल फंडों (एमएफ) में मल्टी-ऐसेट एलोकेशन फंड (एमएएएफ) मजबूत प्रदर्शन करने वाले फंड बनकर उभरे हैं। अपना कम जोखिम प्रोफाइल बरकरार रखते हुए ये फंड पारंपरिक इक्विटी श्रेणियों के मध्यम अवधि के रिटर्न को टक्कर दे रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में इस सेगमेंट का औसत रिटर्न एकमुश्त और व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) दोनों तरह के निवेशों के लिए फ्लेक्सीकैप और लार्जकैप फंडों से ज्यादा रहा है।
वैल्यू रिसर्च के अनुसार मल्टी-ऐसेट फंडों का तीन साल का सालाना औसत रिटर्न 19.1 फीसदी रहा है। यह फ्लेक्सीकैप फंडों के 18.2 फीसदी और लार्जकैप फंडों के 16.8 फीसदी से बेहतर है। उपलब्ध बाजार आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है। एसआईपी रिटर्न में भी इन फंडों की बढ़त का संकेत मिलता है। एडवाइजरखोज के आंकड़ों के अनुसार तीन वर्षों में मासिक एसआईपी निवेशों ने सालाना 17.7 फीसदी रिटर्न दिया है जो फ्लेक्सीकैप फंडों के मामले में 15.1 फीसदी और लार्जकैप फंडों के मामले में रहे 13.4 फीसदी के रिटर्न से ज्यादा है।
खासकर सोने और चांदी में तेजी के बीच इस बेहतर प्रदर्शन का श्रेय मुख्यतः पिछले साल के शानदार परिणामों को जाता है। मल्टी ऐसेट को इक्विटी, डेट और कमोडिटी में निवेश करने का लचीलापन है। इसलिए उन्हें कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल का पूरा लाभ उठाया है। साथ ही अच्छे फिक्स्ड इनकम रिटर्न ने उनके समग्र लाभ में और योगदान दिया है। पिछले एक साल में सोने की कीमत में लगभग 53 फीसदी और चांदी की कीमत में लगभग 60 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसका इन फंडों के रिटर्न पर खासा प्रभाव पड़ा है।
मनीफ्रंट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मोहित गंग ने कहा, मल्टी-ऐसेट श्रेणी के फंडों ने इक्विटी, डेट और कमोडिटीज में अपने आवंटन को कुशलता के साथ प्रबंध किया है। इससे शुद्ध इक्विटी श्रेणियों की तुलना में उनका रिटर्न बेहतर रहा है। अधिकांश फंडों का कमोडिटी (सोना/चांदी) आवंटन 15-20 फीसदी के दायरे में रहा है, जिससे पिछले एक साल में उनका शानदार प्रदर्शन हुआ है।
मल्टी ऐसेट फंडों के प्रति निवेशकों की बढ़ती रुचि स्पष्ट हैः इक्विटी के ऊंचे मूल्यांकन और वैश्विक अनिश्चितताओं ने उनका आकर्षण बढ़ा दिया है। इस कारण पिछले दो-तीन वर्षों में वे सबसे ज्यादा सिफारिश वाली श्रेणियों में से एक बन गए हैं। हालांकि मल्टी ऐसेट फंडों का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है लेकिन विशेषज्ञ निवेशकों को आगाह कर रहे हैं कि वे पारंपरिक इक्विटी योजनाओं को पूरी तरह से न छोड़ें क्योंकि इनका मौजूदा कमजोर प्रदर्शन अस्थायी हो सकता है और स्थिर आय वृद्धि और मजबूत घरेलू उपभोग रुझानों को देखते हुए इसमें सुधार संभव है।
वीएसआरके कैपिटल के निदेशक स्वप्निल अग्रवाल ने कहा, वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता बनी रहने के कारण मल्टी-ऐसेट फंडों के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है। साथ ही स्थिर आय वृद्धि, मजबूत घरेलू खपत और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश फिर से आने की संभावना को देखते हुए इक्विटी योजनाओं में सुधार की संभावना है। निवेशकों को स्थिरता और गिरावट से सुरक्षा के लिए मल्टी-ऐसेट फंडों पर दांव लगाते हुए संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जबकि दीर्घकालिक संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए इक्विटी में निवेश बनाए रखना चाहिए।
इन रुझानों की झलक अगस्त 2024 और जुलाई 2025 के बीच मल्टी ऐसेट फंडों में हुए शुद्ध निवेश से मिलती है जो बढ़कर 37,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। यह राशि बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में हुए निवेश से कहीं ज्यादा थी जिन्हें इस अवधि में महज 19,600 करोड़ रुपये मिले। अकेले जुलाई में मल्टी ऐसेट फंडों (एनएफओ संग्रह को छोड़कर) में 4,338 करोड़ का रुपये रिकॉर्ड निवेश आया जो इस श्रेणी में तेजी को दर्शाता है।