भारत के म्युचुअल फंड उद्योग में लगातार निवेश जारी है। सितंबर में सक्रिय रूप से प्रबंधित इक्विटी योजनाओं में शुद्ध रूप से 34,414 करोड़ रुपये निवेश किए गए। यह आंकड़ा पिछले महीने की तुलना में 10 प्रतिशत कम जरूर है मगर पिछले 12 महीनों के दौरान हुए औसत निवेश 25,600 करोड़ रुपये से अधिक है।
थीमेटिक (किसी क्षेत्र विशेष पर केंद्रित) फंडों की स्थिति और मजबूत हुई है और ये सबसे बड़ी इक्विटी म्युचुअल फंड श्रेणी बन गए हैं। थीमेटिक फंड श्रेणी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 4.7 लाख करोड़ रुपये हैं जो इक्विटी फंडों में ही दूसरी श्रेणियों से अधिक है। इसमें सितंबर के दौरान 13,255 करोड़ रुपये का निवेश आया।
सितंबर में फंड उद्योग की औसत एयूएम बढ़कर 68 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह अगस्त में 66 लाख करोड़ रुपये थी। निफ्टी 50 सूचकांक में 4 प्रतिशत तेजी ने इसमें अहम योगदान दिया। इस दौरान निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक में मामूली बदलाव हुए।
खुदरा एयूएम भी पहली बार 40 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई। इससे फंडों के प्रति लोगों के बढ़ते झुकाव का पता चलता है। फंडों की कुल एयूएम में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी एक दशक पहले 44 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है।
खुदरा एयूएम भी अगस्त में दर्ज 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर दोगुनी हो गई है। तब से घरेलू निवेशकों के भारी भरकम निवेश के दम पर निफ्टी 43 प्रतिशत उछल चुका है। इक्विटी फंडों की 3.4 लाख करोड़ रुपये की लिवाली के दम पर पिछले 12 महीनों के दौरान बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक में 27 प्रतिशत की तेजी आई है। इक्विटी योजनाओं में आए 3.3 लाख करोड़ रुपये निवेश की इसमें दमदार भूमिका रही है। पिछले 43 महीनों से इक्विटी योजनाओं में निवेश सकारात्मक रहा है।
इनमें एक बड़ा हिस्सा सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से आया है। एसआईपी के जरिये निवेशक हरेक महीने एक निश्चित रकम निवेश करते हैं। सितंबर में एसआईपी के जरिये 24,509 करोड़ रुपये का निवेश आया जो नया रिकॉर्ड है।
फंड उद्योग की प्रतिनिधि संस्था एम्फी के अनुसार एसआईपी एयूएम भी बढ़कर 13.82 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। पिछले महीने 66.4 लाख नए एसआईपी खाते शुरू हुए जिससे इनकी कुल संख्या बढ़कर 9.87 करोड़ हो गई।
फंड उद्योग की कुल एयूएम में डेट योजनाओं की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है। इनके तहत 16 उप-श्रेणियों से कुल 1.1 लाख करोड़ निकाले ला चुके हैं। ओपन-ऐंडेड डेट ओरिएंटेड डेट योजनाओं की एयूएम सितंबर में कम होकर 16.1 लाख करोड़ रुपये हो गई जो अगस्त में 16.22 लाख करोड़ रुपये थी। डेट एयूएम फंड उद्योग की एयूएम से 24 प्रतिशत कम है। नोमूरा ने मंगलवार को कहा कि हाल में आई तेजी के बाद भी भारत के म्युचुअल फंड उद्योग में कारोबार की काफी अधिक संभावनाएं हैं।