सोने की कीमतों में जारी तेजी से गोल्ड ईटीएफ की चमक बढ़ गई है। ICRA एनालिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2025 में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETFs) में निवेश छह गुना से ज्यादा बढ़कर 8,363 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि यानी सितंबर 2024 में यह 1,232 करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर गोल्ड ईटीएफ में इनफ्लो 578 फीसदी बढ़ा है। इनफ्लो ट्रेड बताता है कि इस धनतेरस निवेशक फिजिकल गोल्ड की जगह गोल्ड ईटीएफ पर दांव लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
पांच साल के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के आधार पर, नेट इनफ्लो में 70% की वृद्धि हुई है। सितंबर 2020 में यह 597.26 करोड़ रुपये था। यह ट्रेंड बताता है कि निवेशकों के बीच पेपर और डिजिटल गोल्ड की लोकप्रियता बढ़ी है।
मासिक आधार पर नेट इनफ्लो में लगभग 281.96% की बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अगस्त 2025 में गोल्ड ईटीएफ में 2,189.51 करोड़ रुपये का निवेश आया था।
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गोल्ड ईटीएफ का नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (Net AUM) सितंबर 2025 में 126.34% बढ़कर 90,135.98 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 39,823.50 करोड़ रुपये था।
मासिक आधार पर भी गोल्ड ईटीएफ के नेट एयूएम में 24.33% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो अगस्त 2025 में 72,495.60 करोड़ रुपये था।
ICRA एनालिटिक्स के मुताबिक, सोने की कीमतों में तेजी के पीछे वैश्विक और घरेलू दोनों कारकों का योगदान है। घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें प्रति 10 ग्राम के लिए ₹1 लाख को पार कर चुकी हैं। इसके अलावा, सेंट्रल बैंक की खरीद, भू-राजनैतिक तनाव, और अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें जैसे वैश्विक कारकों ने सोने को सुरक्षित निवेश (safe-haven asset) के रूप में पसंदीदा बना दिया है।
विशेष रूप से गोल्ड ईटीएफ को तरजीह दी जा रही है क्योंकि ये तरलता, किफायती लागत, पारदर्शिता और ट्रेडिंग में आसानी प्रदान करते हैं, जबकि फिजिकल सोने में स्टोरेज और शुद्धता संबंधी चिंताएं होती हैं।
ICRA एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड मार्केट डेटा, अश्विनी कुमार ने कहा, “दुनिया में बढ़ते तनाव और अनिश्चित माहौल के कारण लोग अब सोने को एक सुरक्षित निवेश मान रहे हैं। निवेशक गोल्ड ईटीएफ को उनकी तरलता (लिक्विडिटी), पारदर्शिता, कम लागत और ट्रेडिंग की आसान प्रक्रिया के कारण पसंद करते हैं।”
कुमार का कहना है कि अगर निवेशक दिवाली के बाद जैसी छोटी गिरावट (करेक्शन) के समय निवेश शुरू करें, तो उन्हें धीरे-धीरे (किस्तों में) निवेश करने के अच्छे मौके मिल सकते हैं।
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भारत में फिलहाल 22 गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध हैं, जिनमें से चार 2025 में लॉन्च किए गए हैं। 30 सितंबर तक इन फंड्स की औसत रिटर्न एक साल में 50.97 फीसदी, तीन साल में 30.36 फीसदी और पांच वर्ष में 16.93 फीसदा रही।
Fund | Returns (%) |
---|---|
LIC MF Gold ETF | 17.23 |
Quantum Gold Fund – Growth | 17.09 |
Invesco India Gold ETF | 17.00 |
Axis Gold ETF | 16.97 |
ICICI Prudential Gold ETF | 16.95 |
Source: MFI 360 Explorer
ICRA एनालिटिक्स का अनुमान है कि गोल्ड ईटीएफ की मजबूत मांग त्योहारी सीजन में भी जारी रहेगी। इसका कारण है कम ब्याज दरें और वैश्विक अनिश्चितताएं। हालांकि, इक्रा ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि ऊंचे मूल्यांकन (हाई वैल्यूएशन) के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) देखने को मिल सकता है।