facebookmetapixel
Year Ender 2025: SIP निवेश ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारMidcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजहपर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिशों के बावजूद भारत में पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी कम क्यों है?क्या IPOs में सचमुच तेजी थी? 2025 में हर 4 में से 1 इश्यू में म्युचुअल फंड्स ने लगाया पैसानया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीति

बगैर चर्चा वित्त विधेयक मंजूर, कुल 64 आ​धिकारिक संशोधन का प्रस्ताव

Last Updated- March 24, 2023 | 11:16 PM IST
Six steps to improve your credit or CIBIL score, check steps below

वित्त विधेयक 2023 को लोकसभा ने आज हंगामे के बीच चर्चा के बगैर ही मंजूरी दे दी। हंगामा अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग के कारण हो रहा था, जिसके बीच वित्त वर्ष 2024 के लिए कर प्रस्ताव लागू करने वाले विधेयक को मंजूरी मिल गई। इसके हिसाब से निवेशकों पर 1 अप्रैल से भारी कर लगाए जाने हैं।

विधेयक में कुल 64 आ​धिकारिक संशोधनों के प्रस्ताव थे। इनमें डेट म्युचुअल फंड की कुछ श्रे​​णियों में दीर्घाव​धि लाभ कर वापस लेने और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है।

विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘वित्त विधेयक में 10 मुख्य प्रावधान किए गए हैं, जो मध्य वर्ग ही नहीं सभी को राहत प्रदान करते हैं और व्यापार को सुगम बनाते हैं। 11वें प्रस्ताव को हितधारकों की सलाह से शामिल किया गया है जो विधेयक को सभी के लिए बेहतर बनाने में सहायक हैं।’

एसटीटी पर वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वायदा सौदों की बिक्री पर प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) मौजूदा 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.062 फीसदी किया गया है न कि 0.017 फीसदी से बढ़कर 0.021 फीसदी किया गया है, जैसा पिछले संशोधन में उल्लेख किया गया था। पिछले संशोधन से वायदा कारोबारियों के बीच असमंजस की ​स्थिति पैदा हो गई थी क्योंकि वायदा सौदों पर पहले ही 0.05 फीसदी कर वसूला जा रहा था। बाद में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ‘टाइपिंग में गलती’ की वजह से ऐसा हुआ था।

विशेषज्ञों ने कहा कि एसटीटी में इजाफे का असर ज्यादा कारोबार करने वाले ट्रेडरों पर खास तौर पर पड़ेगा। डेलॉयट इंडिया में पार्टनर राजेश गांधी ने कहा, ‘लागत ढांचे में किसी तरह के बदलाव का व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री करने वाले ट्रेडर (एचएफटी) मामूली मार्जिन पर कारोबार करते हैं। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को डेरिवेटिव्स पर पूंजी लाभ कर गणना के दौरान एसटीटी में कटौती का लाभ नहीं मिला।’

इसके अलावा डेट म्युचुअल फंडों में निवेश पर 1 अप्रैल से अल्पाव​धि पूंजीगत लाभ कर लगेगा। अभी इस पर दीर्घाव​धि लाभ कर लगता था जिसकी वजह से निवेशकों को यह बहुत पसंद है।

संशोधन के बाद निर्दिष्ट म्युचुअल फंडों की यूनिटों के हस्तांतरण से होने वाले लाभ को अल्पाव​धि माना जाएगा और कर दर के स्लैब के हिसाब से उस पर कर लगेगा। यह मूल विधेयक में बाजार से जुड़े डिबेंचर पर कराधान के प्रस्ताव से इतर है।

विशेषज्ञों ने कहा कि इस कदम से डेट म्युचुअल फंड और एनसीडी जैसे डेट निवेश का आकर्षण शेयर की तुलना में कम हो जाएगा।

विधेयक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत विवाद समाधान के लिए बहुप्रतीक्षित अपील पंचाट बनाने का भी मार्ग प्रशस्त किया गया है। अभी अपील पंचाट नहीं होने की वजह से करदाताओं को उच्च न्यायालयों में याचिका दायर करनी होती है।

विधेयक के अनुसार हर राज्य में जीएसटी अपील पंचाट का गठन किया गया जाएगा, जबकि प्रधान पीठ दिल्ली में होगा, जो आपूर्ति के स्थान से संबं​धित याचिका की सुनवाई करेगा।

सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सुधार लाने के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में नई समिति गठित करने की भी घोषणा की। विधेयक को अब राज्य सभा में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

अन्य प्रमुख संशोधन

विधेयक में करदाताओं को थोड़ी राहत और स्पष्टता प्रदान की गई है। नई कर व्यवस्था को अपनाने वाले करदाता की सालाना आय अगर 7 लाख रुपये से थोड़ी अ​धिक हो (हालांकि अ​धिक रा​शि के बारे में अभी स्पष्टता नहीं है) तो उसे कोई कर नहीं देना होगा।

इसके साथ ही रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट्स (रीट) तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (इनविट) के यूनिट धारकों पर कर के असर को थोड़ा कम करने का प्रस्ताव किया गया है।

ऐंजल कर पर विधेयक में स्टार्टअप के लिए किसी राहत का प्रस्ताव नहीं है। ऐंजल कर प्रावधान से विदेशी निवेशकों के निवेश पर असर पड़ सकता है।

हालांकि कर लागू होने की अव​धि स्पष्ट की गई है। इसमें कहा गया ​है कि संबंधित बदलाव निर्धारण वर्ष 2024-24 के लिए होगा। अभी तक संशय था कि यह 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी होगा या 1 अप्रैल, 2023 से।

इस समय सभी उदारीकृत धनप्रेषण योजना, चाहे वह देश के अंदर हो, में स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का नियम लागू होता है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक विदेश यात्रा के लिए क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान को कर संग्रह के दायरे में लाने पर विचार करेगा।

First Published - March 24, 2023 | 11:11 PM IST

संबंधित पोस्ट