स्मॉलकैप शेयरों में लगातार हो रही उछाल के बीच म्युचुअल फंडों की स्मॉलकैप योजनाओं में नकदी का स्तर पिछले कुछ महीनों में काफी ज्यादा बढ़ गया है। फंड मैनेजर आम तौर पर और नकदी पर फैसला नहीं लेते, लेकिन लगातार आ रहे निवेश और मूल्यांकन को लेकर असहजता ने उनके हांथ बांध दिए हैं। जनवरी के आखिर में 10 अग्रणी योजनाओं के पास 12,160 करोड़ रुपये की नकदी थी जबकि अगस्त 2023 में यह आंकड़ा 8,700 करोड़ रुपये था।
10 अग्रणी योजनाओं की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 2 लाख करोड़ रुपये है। जनवरी के आखिर में नकदी का हिस्सा 6.1 फीसदी था जो अगस्त के स्तर से 60 आधार अंक ज्यादा है। यह जानकारी स्मॉलकैप पोर्टफोलियो के विश्लेषण से मिली। अगस्त और जनवरी के बीच निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 37 फीसदी की उछाल आई है।
स्मॉलकैप शेयरों की ट्रेडिंग उनके लंबी अवधि के मूल्यांकन के मुकाबले काफी ज्यादा पर हो रही है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 अभी 12 महीने आगे के पीई अनुपात 22 पर कारोबार कर रहा है जबकि 10 साल का औसत 16.5 है। लार्जकैप अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है और उसका पीई अनुपात 20 है जबकि 10 साल का औसत 17.7 है। मूल्यांकन में अंतर ने भी फंड मैनेजरों को स्मॉलकैप फंडों का आवंटन लार्जकैप फंडों में बढ़ाने को प्रोत्साहित किया है। स्मॉलकैप योजनाएं अपने पोर्टफोलियो का 35 फीसदी तक लार्जकैप व मिडकैप में निवेश कर सकती हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड के डिप्टी सीआईओ (इक्विटी) अनीश तवाकले ने कहा कि हमने अपनी योजनाओं के तहत लार्जकैप व मिडकैप में आवंटन जनवरी 2024 में बढ़ाकर क्रम से 7.01 फीसदी व 17.97 फीसदी कर दिया है जो सितंबर 2023 में क्रमश: 0.5 फीसदी व 4.2 फीसदी था क्योंकि स्मॉलकैप का मूल्यांकन बढ़ा है। अभी पोर्टफोलियो का 75.02 फीसदी आवंटन स्मॉलकैप में है।
केनरा रोबोको के इक्विटी प्रमुख श्रीदत्त भांडवलदार ने कहा कि हमने लार्जकैप में आवंटन बढ़ा दिया है। हमारे पोर्टफोलियो का करीब 15 फीसदी अब लार्जकैप में और नकद है। साथ ही हमने योजनाओं में संकेंद्रण घटाया है ताकि जोखिम का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
तीन अग्रणी योजनाओं में नकदी का स्तर और भी ज्यादा है। सकल स्तर पर यह रकम हालांकि 3,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गई वहीं कुल परिसंपत्ति के प्रतिशत के तौर पर नकदी का औसत स्तर 5.5 फीसदी से 7.75 फीसदी पर पहुंच गया।
साल 2023 में बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी-50 सूचकांकों में करीब 20-20 फीसदी की उछाल आई जबकि निफ्टी मिडकैप 1090 व निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 46.6 फीसदी व 55.6 फीसदी का इजाफा हुआ। स्मॉलकैप शेयरों का उम्दा रिटर्न ही स्मॉलकैप योजनाओं में ज्यादा से ज्यादा निवेश आने का कारण माना जा रहा है।
पिछले साल लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप फंडों ने कुल मिलाकर 4,500 करोड़ रुपये संग्रहित किए जबकि स्मॉलकैप फंडों ने करीब 40,000 करोड़ रुपये हासिल किए।
कैलेंडर वर्ष 2023 में स्मॉलकैप व मिडकैप में शानदार तेजी रही और इन्होंने 45 से 47 फीसदी का रिटर्न दिया और निफ्टी के 19 फीसदी के मुकाबले इनका जोरदार प्रदर्शन रहा। स्मॉल व मिडकैप की तेजी का बड़ा हिस्सा (करीब दो तिहाई) नकदी की मदद से था जिसे मजबूत देसी निवेश से सहारा मिला। निफ्टी में इसकी अगुआई आय ने की। परिणामस्वरूप स्मॉलकैप व मिडकैप अब स्टैंडर्ड डेविएशन के स्तर से बढ़ा हुआ है।
इसकी तुलना में निफ्टी लगातार अपने लंबी अवधि के मूल्यांकन के करीब कारोबार कर रहा है। कैलेंडर वर्ष 24 की पहली छमाही में काफी ज्यादा उतारचढ़ाव के साथ हम स्मॉल व मिडकैप के बजाय लार्जकैप को प्राथमिकता देना जारी रखे हुए हैं। कुछ का मानना है कि बड़े यूनिवर्स को देखते हुए अभी भी स्मॉलकैप के क्षेत्र में निवेश का मौका है।