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मार्च की मंदी के बाद फंडों में वापस आया पैसा

Last Updated- December 06, 2022 | 9:40 PM IST

मार्च में एडवांस टैक्स पेमेंट के दबाव की वजह से आई गिरावट के बाद अप्रैल में म्युचुअल फंड के असेट अंडर मैनेजमेंट में 6.76 फीसदी की इजाफा आ गया है और यह बढ़कर 5,64,660.42 करोड़ रुपए हो गया।


एसोसिएशन फॉर म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक रिलायंस म्युचुअल फंड के असेट में अप्रैल के महीने में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ और ये बढ़कर 96,386.40 करोड़ रुपए हो गया। हालांकि बेंचमार्क म्युचुअल फंड ने अभी तक एम्फी को अपने आंकडे ज़ारी नहीं किए हैं।


एनालिस्टों के मुताबिक फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान और लिक्विड प्लस स्कीमों में लिक्विटी बढ़ने से इन फंडों के असेट में इजाफा हुआ है। दरअसल मार्च के महीने में फंडों से जो पैसा रिडीम होता है यानी जो निकाला जाता है वही पैसा अप्रैल में वापस आ गया है। आमतौर पर अप्रैल में फंडों में पैसा आता है और ये इजाफा होना नई बात नहीं है लेकिन अप्रैल में इक्विटी बाजार में आई तेजी का भी इस पर असर पड़ा है।


आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल असेट मैनेजमेंट इस बाजी में दूसरे नंबर पर रहा जिसके असेट पिछले महीने 55,708 करोड़ रुपए बढ़ गए। हालांकि यह इजाफा केवल 2.55 फीसदी का ही रहा। इसके बाद रहा यूटीआई म्युचुअल फंड जिसके असेट अंडर मैनेजमेंट 48,982.21 करोड़ से बढ़कर 52,549.40 करोड़ रुपए हो गए। ये इजाफा 7.28 फीसदी का रहा।

First Published - May 5, 2008 | 10:03 PM IST

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