पिछले कुछ दिनों के दौरान वैश्विक और घरेलू रुझानों से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। सेंट्रम पीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी अनिल सरीन ने पुनीत वाधवा को एक साक्षात्कार में बताया कि कई तिमाहियों से भारतीय शेयरों पर सकारात्मक बने रहने के बाद उनकी कंपनी अब आईपीओ में लग रही पूंजी को ध्यान में रखकर सतर्कता बरत रही है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
2021 के अंत तक बाजारों की चाल कैसी रहेगी?
भले ही कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में आय और अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार पहली लहर के मुकाबले कम प्रभावित हुई, लेकिन हमारा मानना है कि बाजार वर्ष 2021 के अंत तक अस्थिर बने रहेंगे। मुद्रास्फीति की चाल को लेकर सवाल अमेरिकी बाजारों को प्रभावित करता रहेगा और भारतीय बाजारों में यह अनिश्चितता स्पष्ट दिखेगी। इसके अलावा, तीसरी लहर की आशंका और वैश्विक आपूर्ति शृंखला को लेकर समस्याएं भी अस्थिरता को बढ़ा सकती हैं।
क्या आप दर वृद्घि और नकदी सहायता वापस लेने के लिए वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से चिंतित हैं?
वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने पहले के मुकाबले हाल के समय में बाजार हालात को लेकर ज्यादा सजगता दिखाई है। इससे पहले, बाजार ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व से रुझानों पर दिया था। हाल के वर्षों में, उस संबंध में बदलाव आया है। इससे दरों और तरलता की दिशा को लेकर कोई भविष्यवाणी करना कठिन हो गया है। जहां अमेरिकी फेडरल तरलता सहायता सीमित कर सकता है, जैसा कि उसने हाल में संकेत दिया है, वहीं अमेरिकी संसद द्वारा कुछ समय पहले ही 1 लाख करोड़ डॉलर का पैकेज स्वीकृत किया गया है। इससे ताजा तरलता को प्रत्यक्ष रूप से मजबूती मिलेगी। इस तरह से, तरलता में वास्तविक कटौती का अंदाजा लगाना कठिन है।
पिछले कुछ महीनों से आपकी निवेश रणनीति कैसी रही है?
हम कई तिमाहियों से भारतीय बाजारों पर आशान्वित रहे, लेकिन अब कुछ हद तक सतर्कता बरत रहे हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में आईपीओ में पूंजी लग रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था मध्यावधि विकास के दौर से गुजर रही है, और इससे कोई जोखिम जुड़ा नहीं है। हम शेयर चयन के आधार पर उत्साहित बने हुए हैं।
आप किन क्षेत्रों पर उत्साहित और नकारात्मक हैं?
निर्माण को बढ़ावा देने पर सरकार की कोशिश का असर मध्यावधि से दीर्घावधि में दिखेगा। हम उत्पादन-केंद्रित रियायत (पीएलआई) जैसी योजनाओं और चाइना + 1 के वैश्विक ट्रेंड को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इनमें अच्छी तेजी आई है। इसके अलावा रियल एस्टेट भी करीब एक दशक की मंदी से उबर रहा है। महामारी की वजह से हेल्थकेयर को अच्छी खुराक मिली है। व्यापक स्तर पर, डिस्क्रेशनरी खपत को लेकर भी संभावनाएं बरकरार हैं।
अगले कुछ महीनों के दौरान जिंस कीमतों को लेकर बाजार का रुख कैसा रहेगा?
जिंस कीमतें एक दशक की नरमी से उबर रही हैं। कोविड के बाद दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सुधार के साथ जिंस कीमतें ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। इसके अलावा, कम ब्याज दरों से भी ऊंची उत्पादन लागत का दबाव घटा है। बढ़ती जिंस कीमतें तेजी के बाजार की गति को लगातार प्रभावित नहीं कर सकतीं।
क्या आपके ग्राहक ताजा निवेश को इच्छुक हैं?
मौजूदा बाजार मूल्यांकन को देखते हुए, दो तरह की धारणाएं हैं। शुरुआती निवेशकों का एक वर्ग मुनाफावसूली की संभावना तलाश रहा है। वहीं तेजी का लाभ उठाने से चूके अन्य निवेशक अपने पोर्टफोलियो थीमों में चयन पर जोर देते हुए मौजूदा समय को निवेश के संभावित अवसर के तौर पर देख रहे हैं। हमारे ग्राहक काफी हद तक ऐसे नए निवेशक हैं जिन्होंने पिछले साल बाजार में प्रवेश किया। इनमें से कई अब ऊंचे मूल्यांकन की वजह से बेचैनी महसूस कर रहे हैं।