बुधवार को भी भारतीय शेयर बाजारों में बढ़त जारी रही और बेंचमार्क सूचकांकों में सात महीनों में बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला देखने को मिला। इसकी वजह अमेरिका-चीन व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) शेयरों में उछाल रही। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के इस आश्वासन से भी बाजार धारणा को बल मिला कि फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल को बर्खास्त करने की उनकी कोई योजना नहीं है।
सेंसेक्स 18 दिसंबर, 2023 के बाद पहली बार 80,000 के स्तर पर दोबारा पहुंचा और बुधवार को 521 अंकों की बढ़त के साथ 80,117 पर बंद हुआ। निफ्टी ने 162 अंक के इजाफे के साथ 24,329 पर कारोबार की समाप्ति की। दोनों सूचकांकों ने सात दिन तक लगातार बढ़त का सिलसिला दर्ज किया जो 20 अगस्त से 2 सितंबर, 2024 के बाद से बढ़त का उनका सबसे लंबा सिलसिला है। इस अवधि में बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 36.7 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 430.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
बुधवार की तेजी में आईटी शेयरों में इजाफा हुआ और इन्फोसिस 3.7 फीसदी चढ़ा जबकि एचसीएल टेक्नोलॉजिज में 7.7 फीसदी और टीसीएस में 2.8 फीसदी का इजाफा हुआ। सेक्टर का बेहतर प्रदर्शन एचसीएल टेक्नोलॉजिज के संशोधित राजस्व अनुमान के बाद हुआ जिसने वर्ष के लिए स्थायी मुद्रा के लिहाज से 2 से 5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान जताया। हालांकि यह ऐतिहासिक पूर्वानुमानों से कम है मगर इन्फोसिस के अनुमानित 0-3 फीसदी सीमा से अधिक है। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 4.3 फीसदी की उछाल आई जो 12 जुलाई, 2023 के बाद से इसकी सबसे तेज एक दिवसीय बढ़त है। इस बीच, बैंकिंग शेयरों में सात दिन बाद कुछ मुनाफावसूली हुई जो इस अवधि में 11 फीसदी चढ़े हैं, लेकिन बुधवार को बैंकिंग इंडेक्स 0.5 फीसदी कमजोर रहा।
चीन के प्रति राष्ट्रपति ट्रंप के नरम रुख का संकेत देने वाली टिप्पणियों से भी निवेशकों की धारणा को बल मिला। उन्होंने व्यापार समझौते के आधार पर टैरिफ को काफी हद तक, अगर शून्य नहीं तो कम करने के इरादे पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त ट्रंप ने फेड अध्यक्ष पॉवेल को हटाने को लेकर अटकलों को खत्म कर दिया, जिससे केंद्रीय बैंक की आलोचना करने वाले उनके पहले के सोशल मीडिया पोस्ट से उत्पन्न चिंता कम हो गई।
डॉलर इंडेक्स 0.19 फीसदी बढ़कर 99.1 पर पहुंच गया जबकि 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड 4.29 फीसदी पर आ गई। हाजिर सोना 2.2 फीसदी फिसलकर 3,305.79 डॉलर प्रति औंस रह गया जबकि पिछले सत्र में इसने 3,500.05 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था।
मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, चौथी तिमाही के आय सत्र के आगे बढ़ने के साथ ही क्षेत्र विशेष को लेकर रफ्तार और तेज हो जाएगी। घरेलू आशावाद और वैश्विक व्यापार को लेकर प्रगति जारी रहने से बाजार में तेजी बनी रहेगी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,333 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि देसी संस्थानों ने 1,235 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
जियोजित फाइनैंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने आगाह किया, चौथी तिमाही के मिले जुले नतीजे, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और बाजार का हालिया बेहतर प्रदर्शन निकट भविष्य में मजबूती को बढ़ावा दे सकता है। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात सकारात्मक रहा और 2,028 शेयर चढ़े जबकि 1,949 में गिरावट आई।