भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी)और जीई मनी के बीच क्रेडिट कार्ड से संबंधित करार की अवधि खत्म होने के बावजूद, दोनों के बीच हुई यह डील जारी है।
एलआईसी के सीईओ हेमंत भागर्व के मुताबिक दोनों कंपनियों के बीच समझौता ज्ञापन की अवधि तो खत्म हो चुकी है,पर यह परियोजना अभी जारी है,और एक या दो हफ्ते के अंदर जल्द ही हम क्रेडिट कार्ड कंपनी से जुड़े कुछ पहलुओं की घोषणा करेंगे।
इस पर एलआईसी के एक अधिकारी का कहना है कि कुछ मसलों पर दोनों कंपनियां खुले तौर पर बहस कर रहे हैं,कि उन मसलों का क्या हल निकालना चाहिए। लिहाजा, जीई मनी जब तक इस करार की समाप्ति की बात नहीं करता,तब तक यह करार जारी रहेगा। इस बाबत जीई मनी का कहना है कि उसके विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी खासी अहम है,लिहाजा भारत में अपने विस्तार को लेकर दोनों के बीच हुई यह डील खासी अहम है।
नतीजतन, हम एलआईसी के साथ आगे भी काम जारी रखने को लेकर गंभीर हैं। इसलिए हमारी कोशिश रहेगी कि इस परियोजना को आगे भी जारी रखें और भविष्य में हम अपनी साझेदारी की सफलता सुनिश्चित करें। मालूम हो कि जीई मनी का इसी कारोबार को लेकर भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) के साथ भी गठजोड़ है,जो दूसरी सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड कंपनी है।
लेकिन जिस कदर जीई मनी इस कंपनी को चला रही थी, उससे स्टेट बैंक खुश नही थी,और इसके चलते बैंक को पिछले साल150 करोड़ रूपये का घाटा भी सहना पड़ा था। ऊपर से एलआईसी के साथ भी गठजोड़ करना बैंक को रास नही आया था,और इस पर बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने आपत्ति भी दर्ज की थी। लेकिन इन सबके बावजूद दोनों ने अपने मतभेदों को दरकिनार करते हुए साझेदारी को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया।
हालांकि इनसे उन संभावनाओं को हवा मिली कि दोनों के बीच अब शायद इस परियोजना को कम तव्वजो मिले। जबकि एलआईसी के साथ करार के बाद निर्माण हुए क्रेडिट कंपनी में हिस्सेदारियों की बात करें तो जीई मनी के साथ 6सितंबर,2007 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे।
इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी,जीई मनी 35 फीसदी, कार्पोरेशन बैंक 5 फीसदी, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस 4 फीसदी और एलआईसी म्युचुअल फंड एएमसी के 2 फीसदी शेयर हैं,जबकि शेष बचे 14 फीसदी शेयर अभी अन्य निवेशकों को ऑफर किए जाने बाकी हैं। यह ज्ञापन 90 दिनों के लिए वैध था,लेकिन बावजूद इसके कि इसका समय पूरा हो चुका है,दोनों कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि इस कंपनी को रियलाइज करने के लिए बातचीत का दौर अभी जारी रहेगा।