facebookmetapixel
भारत-ब्राजील ने व्यापार, दुर्लभ मृदा खनिजों पर की बातमानवयुक्त विमानों की बनी रहेगी अहमियत : वायु सेना प्रमुखजीवन बीमा कंपनियां वितरकों का कमीशन घटाकर GST कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देंगीRBI ने ECB उधारी के लिए वित्तीय क्षमता आधारित सीमा और बाजार दरों पर उधार लेने का दिया प्रस्तावभारतीय कंपनियों में IPO की होड़, 185 से ज्यादा DRHP दाखिल होने से प्राइमरी मार्केट हुआ व्यस्तभारतीय को-वर्किंग कंपनियां GCC के बढ़ते मांग को पूरा करने के लिए आसान ऑप्शन कर रही हैं पेशभारतीय दवा कंपनियां अमेरिका में दवा की कीमतें घटाकर टैरिफ से राहत पाने की राह पर!हीरा नगरी सूरत पर अमेरिकी टैरिफ का असर: मजदूरों की आय घटी, कारोबार का भविष्य अंधकार मेंपुतिन ने भारत-रूस व्यापार असंतुलन खत्म करने पर दिया जोरखुदरा पर केंद्रित नए रीट्स का आगमन, मॉल निवेश में संस्थागत भागीदारी बढ़ने से होगा रियल एस्टेट का विस्तार

कर ढांचा बदलने से रुपया ऋण बाजार बनेगा आकर्षक: श्रीनी श्रीनिवासन

कोटक अल्टरनेट एसेट्स के प्रबंध निदेशक ने एआईएफ उद्योग में क्रेडिट रणनीतियों और कर सुधार के माध्यम से घरेलू निवेश को बढ़ावा देने और निवेश संतुलन सुनिश्चित करने पर जोर दिया

Last Updated- October 03, 2025 | 10:18 PM IST
S. Sriniwasan
कोटक अल्टरनेट ऐसेट्स मैनेजर्स के प्रबंध निदेशक श्रीनी श्रीनिवासन

कोटक अल्टरनेट ऐसेट्स मैनेजर्स के प्रबंध निदेशक श्रीनी श्रीनिवासन का कहना है कि ऋण बाजार में घरेलू निवेश को बढ़ावा देने और घरेलू तथा विदेशी निवेशकों के बीच दर में अंतर दूर करने के लिए कर सुधार जरूरी हैं। मुंबई में खुशबू तिवारी के साथ एक साक्षात्कार में श्रीनिवासन ने वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) उद्योग के उभरते परिदृश्य पर भी चर्चा की। बातचीत के अंश:

कौन से सेक्टर एआईएफ का सबसे अधिक ध्यान खींच रहे हैं?

रियल एस्टेट निवेश के लिए आकर्षक क्षेत्र बना हुआ है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसकी एयूएम में सबसे तेज वृद्धि क्रेडिट रणनीतियों के कारण हुई है। रियल एस्टेट में क्रेडिट रणनीतियों का भी आकर्षण बढ़ रहा है। उदाहरण के लिए हमने पहले दो कॉरपोरेट क्रेडिट फंडों से क्रमशः 1 अरब डॉलर और 1.5 अरब डॉलर सफलतापूर्वक जुटाए। अब तीसरा फंड 2 अरब डॉलर के लक्ष्य के साथ शुरू किया है। लगभग 10 अरब डॉलर की कुल एयूएम में से लगभग 8.5 अरब डॉलर क्रेडिट रणनीतियों पर केंद्रित है। हम उन अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को ध्यान में रखकर ऐसी हाई-रिटर्न वाली स्कीम भी चलाते हैं जो इससे जुड़े जोखिमों को समझते हैं और उन्हें उठाने के लिए तैयार हैं।

Also Read: RBI e-Rupee: क्या होती है डिजिटल करेंसी और कैसे करती है काम?

आप स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड (एसआईएफ) से होने वाली प्रतिस्पर्धा को कैसे देखते हैं?

इन फंडों के कैटेगरी-3 एआईएफ में कड़ी प्रतिस्पर्धा पेश करने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय बाजार वैकल्पिक फंडों को 1, 2, या 3 कैटेगरी में वर्गीकृत नहीं करते। मगर भारत में किया जाता है। ये अंतर पहले से चली आ रही कर व्यवस्थाओं के कारण हैं। वैकल्पिक फंड आमतौर पर ऐसी परिसंप​त्तियों पर ध्यान देते हैं जो लिस्टेड नहीं होतीं और कुल जमा बात यह कि कैटेगरी-3 एआईएफ और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा में खास अंतर नहीं होता। 

आप एआईएफ में मान्यताप्राप्त निवेशकों के प्रति सेबी के जोर को कैसे देखते हैं?

अभी तक एक अनुभवी निवेशक की परिभाषा मुख्य रूप से वित्तीय सीमा (लगभग 1 करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति) पर आधारित रही है। हालांकि, कई लोग जोखिम को पूरी तरह समझे बिना इस मानदंड को पूरा कर लेते हैं। जैसे-जैसे जटिल और जोखिम भरी योजनाएं सामने आ रही हैं, मान्यता के तरीके में भी बदलाव की आवश्यकता है। दुनियाभर में मान्यताप्राप्त निवेशक का दर्जा अक्सर स्व-घोषणा पर आधारित होता है, जबकि भारत में नियामक तीसरे पक्ष के सत्यापन पर निर्भर रहते हैं।

Also Read: अनिश्चितता के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली, भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत: RBI गवर्नर

क्या सेबी से कोई नियामकीय छूट लेना जरूरी है?

पिछले एक साल में सेबी ने काफी प्रगति की है। निवेशकों को पसंदीदा और जूनियर यूनिट होल्डर जैसी श्रेणियों में बांटने के विचार का शुरू में विरोध हुआ था क्योंकि इसमें दुरुपयोग के संभावित जोखिम था। लेकिन मजबूत आचार संहिता और उद्योग की परिपक्वता से ये चिंताएं दूर हो रही हैं। यह वर्गीकरण महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बॉन्ड बाजार में एएए और एए रेटिंग वाले निवेश की भारी मांग रहती है। 

क्या कर के संबंध में एआईएफ उद्योग कैसी राहत चाहता है?

इस समय विदेशी और घरेलू निवेशक इक्विटी पर समान पूंजीगत लाभ कर चुकाते हैं। म्युचुअल फंड उद्योग विदेशी पूंजी के निवेश के टक्कर की फोर्स बन गया है। इससे सवाल उठता है कि क्या बड़े निवेशकों को क्रेडिट स्ट्रेटेजी में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए? अभी, ​अ​धिक नेटवर्थ वाले व्यक्ति यानी एचएनआई ब्याज आय पर लगभग 40 प्रतिशत टैक्स देते हैं जबकि विदेशी निवेशक केवल 15 प्रतिशत टैक्स चुकाते हैं। यह कर ढांचा अनजाने में भारतीय रुपया ऋण बाजार को विदेशी निवेशकों के लिए मौके मुहैया कराता है। घरेलू निवेश को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के लिए सुधार की जरूरत है। 

(डिस्क्लोजर: बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड में कोटक फैमिली के नियंत्रण वाली इकाइयों की बड़ी हिस्सेदारी है।)

First Published - October 3, 2025 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट