पिछले महीने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा के बाद से देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध क्विक सर्विस रेस्टोरेंट (क्यूएसआर) कंपनी जुबिलैंट फूडवर्क्स ने अपने प्रतिस्पर्धियों और बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। डोमिनोज की भारतीय फ्रैंचाइजी का शेयर इस अवधि में अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 16 प्रतिशत गिरा है। बीएसई का सेंसेक्स इस अवधि में 2 प्रतिशत कमजोर हुआ है। आय अनुमानों में भारी कटौती, बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव, कीमत वृद्धि सीमित करने के प्रबंधन के निर्णय, और अल्पावधि में मार्जिन सुधार की कम गुंजाइश का इस शेयर पर दबाव पड़ा है।
कंपनी ने वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड की 40 प्रतिशत और रेस्टोरेंट ब्रांड्स एशिया की 27 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की कमजोर वृद्धि के साथ प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सुस्त प्रदर्शन किया है। जहां इनमें पहली कंपनी मैकडॉनल्ड्स की वेस्ट इंडिया फ्रैंचाइजी है, वहीं दूसरी बर्गर किंग की भारतीय फ्रैंचाइजी। परिचालन मानकों पर कमजोर प्रदर्शन और अल्पावधि मार्जिन चिंताओं के बावजूद, कुछ ब्रोकरों का मानना है कि कंपनी का शेयर मध्यावधि से दीर्घावधि के लिहाज से मजबूत दांव होगा, क्योंकि उसे आक्रामक विस्तार, नई पहलों, ब्रांडों की विविधीकृत पोर्टफोलियो और बाजार भागीदारी वृद्धि में मदद मिल रही है।
देश में पिज्जा सेगमेंट में दबदबा रखने वाली कंपनी ने हाल में घोषणा की कि वह सभी 20 क्षेत्रों में 20 मिनट के अंदर पिज्जा की डिलिवरी करेगी। अपना स्टोर नेटवर्क बढ़ाने के अलावा, डिलिवरी में कम समय को स्टोर विस्तार की प्रक्रिया में सुधार, मजबूत संसाधन नियोजन, और तकनीकी उन्नयन से भी मदद मिल रही है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषक मनोज मेनन का मानना है कि कन्वीनिएंस फॉर्मेट में 30 प्रतिशत सुधार के साथ साथ लॉयल्टी कार्यक्रम को आसान बनाने से कंपनी को अपनी फ्रैंचाइजी के लिए उपभोक्ता मांग मजबूत बनाने और प्रतिस्पर्धा से मजबूत डिलिवरी बाजार भागीदारी हासिल करने में मदद मिल सकती है। कंपनी का लॉयल्टी कार्यक्रम हरेक 6 ऑर्डर के बाद फ्री रेग्युलर-साइज पिज्जा मुहैया कराता है।
जैसा कि अमेरिका की तरह वैश्विक बाजारों के मामले में देखा गया, जिनमें डोमिनोज ने बढ़ती प्रतिस्पर्धी तीव्रता के बाद भी बाजार भागीदारी में इजाफा दर्ज किया, ब्रोकरों का मानना है कि भारत में समान बाजार भागीदारी वृद्धि को मजबूत क्रियान्वयन की वजह से मदद मिली है। कंपनी का नेटवर्क विस्तार और स्टोर खुलने की रफ्तार मजबूत बनी हुई है। दूसरी तिमाही में, कंपनी ने क्यूएसआर में सर्वाधिक संख्या में स्टोर शामिल किए और डोमिनोज इंडिया ने अपनी उपस्थिति 76 आउटलेटों तक बढ़ाई। 1,701 केंद्रों पर, डोमिनोज स्टोरों की संख्या भारत में पिज्जा हट की संयुक्त उपस्थिति के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा है, और सफायर फूड्स तथा देवयानी इंटरनैशनल की कुल स्टोर संख्या 715 है। कंपनी ने 2022-23 में 250 स्टोर जोड़ने का लक्ष्य रखा है और उद्योग की दर से ज्यादा तेजी से विस्तार किए जाने की संभावना है।
स्टोर विस्तार के अलावा, डोमिनोज ने हाल में अपनी क्षेत्रीय पेशकशों को अनुकूल बनाया है। वह खासकर पूर्वी क्षेत्र और गुजरात के लिए कई उत्पाद पेश कर रही है, जिससे उसे अपना आधार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। वह उत्तर भारतीय/बिरयानी (एकदम!), चाइनीज (हांग्स किचन), चिकन (पोपीज), बेकरी/डेजर्ट (डंकिन डोनट्स), और पिज्जा (डोमिनोज) में उपस्थिति के साथ सभी फूड फॉर्मेट में एकमात्र क्यूएसआर कंपनी भी बनी हुई है। कंपनी ने शेफबॉस की पेशकश के साथ रेडी-टु-कुक श्रेणी में भी प्रवेश किया है। इस व्यवसाय की पेशकशों में पास्ता, टेबल सॉस, स्टिर-फ्राई सॉस और डिप्स शामिल हैं।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि वृद्धि और मार्जिन परिदृश्य, दोनों के लिहाज से क्यूएसआर क्षेत्र आकर्षक बना हुआ है और जुबिलैंट इस क्षेत्र में उनका मुख्य पसंदीदा शेयर है। ब्रोकरेज के लिए निवेश संबंधित सलाह की मुख्य वजह यह है कि जुबिलैंट विस्तार के वित्त पोषण के लिए मजबूत बैलेंस शीट से संपन्न है। स्टोर विस्तार और मजबूत स्टोर बिक्री वृद्धि, दोनों के प्रबंधन में शानदार रिकॉर्ड और प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले तकनीकी बढ़त जुबिलैंट के लिए अन्य सकारात्मक बदलाव हैं। विश्लेषकों का मानना है कि एमेजॉन इंडिया से नए मुख्य कार्याधिकारी के अनुभव से कंपनी को तकनीकी मोर्चे पर बड़ी मदद मिलने की संभावना है। इस शेयर के लिए कीमत लक्ष्य 660-720 रुपये के दायरे में है। कंपनी का मूल्य उसके 2023-24 के आय अनुमानों के 48 गुना पर है और दीर्घावधि के लिए यह शेयर एक अच्छा निवेश साबित
हो सकता है।