कैलेंडर वर्ष 2023 कुछ खास आईटी शेयरों के लिए अब तक अच्छा वर्ष साबित हुआ है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में आईटी शेयरों के दबदबे वाले नैस्डैक में कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक करीब 18 प्रतिशत तेजी आई है और डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (डीजेआईए) और एसऐंडपी 500 जैसे प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया है।
वहीं घरेलू तौर पर, एनएसई पर आईटी शेयरों के प्रदर्शन के मानक निफ्टी आईटी सूचकांक ने कैलेंडर वर्ष 2023 में करीब 2 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की। पिछले कुछ वर्षों से एनएसई का प्रदर्शन नैस्डैक के प्रदर्शन पर केंद्रित रहा है। इसलिए, क्या नैस्डैक और निफ्टी आईटी सूचकांक के बीच सह-संबंध समाप्त हो गया है और ये दोनों सूचकांक अब भविष्य में अपने अलग अलग रास्तों पर बढ़ेंगे?
रेलिगेयर ब्रोकिंग तकनीकी शोध के लिए के उपाध्यक्ष अतीत मिश्रा का कहना है कि तकनीकी तौर पर निफ्टी आईटी सूचकांक हाल तक नैस्डैक कम्पोजिट के अनुरूप कारोबार कर रहा था, लेकिन अब समानता काम नहीं कर रही है।
मिश्रा ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह कहना जल्दबाजी है कि आईटी सूचकांक बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर सकता है या तब तक नई ऊंचाई पर नहीं पहुंच सकता है जब तक हमें सुधार के ठोस संकेत नहीं दिखें।
पहला संकेत 29,000 के निशान से ऊपर बंद होना हो सकता है और फिर सुधरकर 31,600 के स्तर पर पहुंचना। इस बीच, कारोबारियों को खास चयन की रणनीति अपनानी चाहिए और मध्यावधि-दीर्घावधि परिदृश्य के लिए ही आईटी शेयरों में खरीदारी करनी चाहिए।’
कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक नैस्डैक में तेजी को काफी हद तक गूगल, ऐपल, एमेजॉन, नेटफ्लिक्स और मेटा प्लेटफॉर्मों से मदद मिली थी्र जिन्हें फांग शेयरों के नाम से भी जाना जाता है और कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक इनमें 41 प्रतिशत तक की तेजी आई है। नैस्डैक सूचकांक में इनका संयुक्त भारांक करीब 30 प्रतिशत है।
हालांकि निफ्टी आईटी सूचकांक में शामिल शेयरों का प्रदर्शन कैलेंडर वर्ष 2023 में अलग अलग रहा। एसीई इक्विटी डेटा से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक जहां पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, एलटीआई माइंडट्री, कोफोर्ज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एलऐंडटी टेक्नोलॉजीज सर्विसेज और टेक महिंद्रा में 4 से 22 प्रतिशत के बीच तेजी आई है, वहीं इन्फोसिस, एम्फेसिस और विप्रो इस मामले में पीछे रहे, और इनमें समान अवधि के दौरान 16 प्रतिशत तक की कमजोरी दर्ज की गई।
इक्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं शोध प्रमुख जी चोकालिंगम का कहना है, ‘आईटी शेयरों में तेजी को दिसंबर 2022 तिमाही के बाद कम कर्मचारी लागत से मदद मिली। साथ ही मेरा यह भी मानना है कि तेजी लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहेगी, क्योंकि कैलेंडर वर्ष 2023 का शेष समय मंदी की आशंका में इन कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा।’
आय पर नजर
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) के विश्लेषकों के अनुसार, मार्च 2023 की तिमाही में आईटी कंपनियों की तिमाही आय में सुस्ती देखी गई है, और यह बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा (बीएफएसआई) और संचार व्यवसाय सेगमेंटों के कारोबार पर आधारित है। इसके अलावा उत्तर अमेरिका से कम व्यवसाय का भी प्रभाव पड़ा है। केआईई का कहना है कि जून 2023 की तिमाही इन्फोसिस को छोड़कर, कई कंपनियों के लिए मार्च तिमाही के मुकाबले कमजोर रह सकती है। इसके लिए उन्होंने उत्तर अमेरिका में परियोजनाएं रुकने और रद्द होने को जिम्मेदार माना है।