भारत की रियल एस्टेट कंपनियां आईपीओ की योजना बनाने में व्यस्त हैं। सूत्रों के अनुसार इस क्षेत्र की कई कंपनियां अगले कुछ महीनों में आईपीओ से 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाने की तैयारियों में जुटी हैं। इसके लिए वे पूंजी बाजार में उतरने की अपनी योजनाओं पर काम कर रही हैं। इस सिलसिले में जारी बातचीतों से अवगत लोगों के अनुसार नोएडा मुख्यालय वाली बीपीटीपी, एम3एम समूह के स्वामित्व वाली स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स, गौरसंस इंडिया और मुंबई का वाधवा ग्रुप वित्त वर्ष 2026 या 2027 में अपनी कंपनियों को सूचीबद्ध कराने की योजना बना रही हैं।
नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध पर उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों के बताया कि बीपीटीपी ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की योजना के साथ बैंकर नियुक्त किए हैं। इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘जुटाई जाने वाली राशि पर चर्चा की जा रही है और कंपनी ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।’
बीपीटीपी ने वर्ष 2010 में सूचीबद्धता की योजना बनाई थी। तब प्रमोटरों ने 10-25 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। कंपनी ने उस समय भावी परियोजनाओं के लिए धन का इस्तेमाल करने और कर्ज चुकाने के लक्ष्य के साथ अपना डीआरएचपी भी दाखिल किया था।
गुरुग्राम की स्मार्टवर्ल्ड डेवलपर्स आईपीओ से 4,000 से 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की संभावना तलाश रही है। कंपनी ने अगले तीन से छह महीनों में डीआरएचपी दाखिल करने की तैयारी तेज कर दी है। एक अधिकारी ने कहा, ‘कंपनी के आईपीओ की समय-सीमा का निर्णय बाजार हालात के आधार पर लिया जा सकेगा, लेकिन इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।’
मुंबई का वाधवा समूह भी आईपीओ के जरिये 2,000 करोड़ से 2,500 करोड़ रुपये के बीच जुटाने की योजना बना रहा है। पता चला है कि बैंकरों को नियुक्त कर दिया गया है और डीआरएचपी पर काम चल रहा है। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी आईपीओ के जरिये 15-20 प्रतिशत इक्विटी घटा सकती है। कंपनी के पास वित्तीय राजधानी के कमर्शियल हब बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में महंगी संपत्तियां हैं।
उत्तर भारत की एक और रियल एस्टेट दिग्गज गौरसंस इंडिया भी सूचीबद्धता की संभावना तलाश रही है। गौर ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज गौर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मौजूदा रियल एस्टेट बाजार में वृद्धि की मजबूत संभावनाएं हैं और हम इसका लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। आईपीओ के लिए हमारी तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। हमारा लक्ष्य इस वित्त वर्ष के अंदर या अगले साल तक आईपीओ लाना है।’ गौर ने पहले कहा था कि कंपनी को 50 लाख वर्ग फुट मिश्रित इस्तेमाल वाली कमर्शियल परियोजना बनाने के साथ साथ कुछ जमीन की खरीदारी के लिए 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम की जरूरत होगी।
नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), जेपी मॉर्गन और अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट द्वारा समर्थित बेंगलूरु की ऐसेट्ज प्रॉपर्टी ग्रुप भी सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही है। इससे पहले डीएलएफ, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा), ओबेरॉय रियल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, प्रेस्टीज एस्टेट्स, सिग्नेचर ग्लोबल, कीस्टोन डेवलपर्स (रूस्तमजी), आर्केड डेवलपर्स, शोभा और अनंत राज जैसी रियल्टी कंपनियों के आईपीओ आ चुके हैं और ये बाजार में सूचीबद्ध हैं।