आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के सूचीबद्ध होने के बाद से बाजार में शेयर के प्रदर्शन की बात करें तो 2023 पिछले कुछ अरसे में सबसे अच्छा साल साबित हुआ है। जल परियोजनाएं संभालने वाली कंपनी विष्णु प्रकाश आर पुंगलिया इस साल आईपीओ लाने वाली 20वीं कंपनी है। कंपनी का शेयर बाजार में अपने पहले दिन ही निर्गम मूल्य से 47 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। पहले ही दिन शेयर में इतनी तेजी दुर्लभ मानी जाती थी मगर अब यह आम चलन बन गया है।
इस साल बाजार में 20 आईपीओ आए और और स्टॉक एक्सचेंज पर पहले दिन इनमें औसतन 34 फीसदी की तेजी आई है। सूचीबद्ध होने से आज तक इनमें औसतन 46 फीसदी तेजी आ चुकी है। इन 20 कंपनियों में से केवल एक कंपनी का शेयर अपने निर्गम मूल्य से नीचे चल रहा है।
इनमें से जिन शेयरों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है उनमें साइंट डीएलएम सबसे आगे है, जो अपने निर्गम मूल्य से 171 फीसदी चढ़ चुका है। उत्कर्ष लघु वित्त बैंक का भाव निर्गम मूल्य से 94 फीसदी ऊपर चल रहा है और शाह पॉलिमर्स 75 फीसदी चढ़ गया है। मगर उदयशिवकुमार इन्फ्रा और पिरामिड टेक्नोप्लास्ट अपने निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं। विश्लेषकों ने कहा कि शेयर बाजार में तेजी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से लगातार लिवाली के कारण आईपीओ की मांग और सूचीबद्धता के बाद प्रदर्शन शानदार रहा है।
इस साल अभी तक सेंसेक्स 8.1 फीसदी चढ़ा है और बीएसई मिडकैप में 26.7 फीसदी तथा स्मॉलकैप में 31.2 फीसदी की तेजी आई है। इस साल अभी तक विदेशी निवेशकों ने 1.4 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। नई सूचीबद्ध कंपनियों का प्रदर्शन मापने वाला बीएसई आईपीओ सूचकांक इस साल अभी तक 22.4 फीसदी ऊपर चढ़ चुका है।
बैंकरों का कहना है कि शुरुआती महीनों में निवेशकों के बीच थोड़ी हिचकिचाहट देखी जा रही थी और वे बेहतर कारोबारी मॉडल तथा मजबूत संचालन वाली कंपनियों पर ही दांव लगा रहे थे। सेंट्रम कैपिटल में निवेश बैंकिंग पार्टनर प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘निवेश बहुत सजग हैं और आईपीओ की सही कीमत लगवा रहे हैं। बीते वर्षों की तुलना में आईपीओ को तूल भी कम दिया जा रहा है, जिससे सही कीमत लग रही है। बाजार सकारात्मक बना हुआ है। मांग है और निवेश भी आ रहा है।
आईपीओ के लिए तय शेयरों से ज्यादा मांग की वजह से भी सूचीबद्ध होने के बाद शेयरों के दाम में तेजी देखी जा रही है।’आईपीओ को उसकी स्थिति के हिसाब से लेने का यह चलन आगे भी जारी रहेगा क्योंकि निवेशक समझदारी दिखा रहे हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि आईपीओ मसौदा जमा कराने वाली हरेक कंपनी आईपीओ नहीं ला रही हैं। कुछ की आईपीओ लाने की मियाद खत्म भी हुई है। जितने मसौदे जमा कराए गए हैं, उनके मुकाबले काफी कम आईपीओ आए हैं।
मिडकैप और स्मॉलकैप श्रेणी में तेजी से भी नई कंपनियों को फायदा मिला है क्योंकि हाल में आईपीओ लाने वाली ज्यादातर कंपनियां इन्हीं श्रेणियों में आती हैं।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘मिडकैप और स्मॉलकैप में तीन गुना उछाल आई है और ऐसी तेजी कम ही देखने को मिलती है। छोटे निवेशक स्मॉल और मिडकैप पर ही ज्यादा दांव लगाते हैं। उनमें से अधिकतर जोखिम नहीं भांपते या परिसंपत्ति आवंटन का हिसाब नहीं लगाते।’ मगर अब विश्लेषक नई सूचीबद्ध कंपनियों की संभावनाओं पर सतर्कता बरतने की बात कह रहे हैं। उन्हें डर है कि मिड और स्मॉल कैप में काफी तेजी आ चुकी है और किसी भी नकारात्मक खबर से गिरावट आ सकती है।