फिनटेक फर्म भारतपे ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान एबिटा स्तर पर मुनाफे में आ जाने की उम्मीद जताई है। इसके साथ ही कंपनी ने अगले 18 से 24 महीने में आईपीओ लाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी नलिन नेगी ने यह जानकारी दी है। कंपनी उपभोक्ता-केंद्रित कारोबारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की संभावना तलाश रही है। इसके लिए वह यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक के साथ साझेदारी में को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, म्युचुअल फंड, बीमा और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर क्रेडिटलाइन जैसी योजनाएं शुरू करने की तैयारी कर रही है।
नेगी ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘हम वित्त वर्ष 2025 में एबिटा स्तर पर मुनाफे में आने के लक्ष्य की दिशा में काम रहे हैं। हमें लाभ का पूरा भरोसा है। हम अगले वित्त वर्ष में नए योजनाओं का दायरा बढ़ाएंगे, उनकी पेशकशों में तेजी लाएंगे।’
दिल्ली की इस कंपनी ने 2018 में व्यापारियों पर केंद्रित सेवाओं के साथ अपना परिचालन शुरू किया था और 2024 तक उसने यूपीआई, डिजिटल गोल्ड आधारित वेल्थ मैनेजमेंट, बिल भुगतान की पेशकश कर उपभोक्ता आधारित व्यवसायों में अपनी पैठ बढ़ा ली। अंतरिम सीईओ और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) के तौर पर काम कर रहे नेगी को अप्रैल 2024 में कंपनी का सीईओ बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भारतपे इस साल मार्च के अंत तक अपने पीयर-टू-पीयर (पी2पी) लेंडिंग कारोबार को पूरी तरह से बंद करने की योजना बना रही है। उसने अगस्त 2021 में ‘12% क्लब’ ब्रांड नाम से इस सेगमेंट में प्रवेश किया था।
भारतपे से 25 लाख सक्रिय व्यापारी जुड़े हुए हैं। कुल मिलाकर, फर्म के पास प्लेटफॉर्म पर 1.8 करोड़ पंजीकृत व्यापारी हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने मौजूदा व्यापारी आधार काराजस्व जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं। हम एनबीएफसी के माध्यम से ऋण की सुविधा देकर ऐसा करते हैं या उन्हें साउंडबॉक्स, पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) डिवाइस जैसे उपकरण बेचते हैं।’
कंपनी ने लगभग 60-65 फीसदी सक्रिय कारोबारियों के यहां पेमेंट लेने वाली अपनी डिवाइस लगा दी हैं। कंपनी 7 एनबीएफसी के साथ भागीदारी में अपने उपयोगकर्ताओं के लिए उधारी योजनाओं की सुविधा देती है। कंपनी और उसके पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के बीच लंबा कानूनी विवाद पिछले साल सितंबर में सुलझ गया था।
भारतपे की मूल कंपनी रेसिलेंट इनोवेशंस ने यूनिटी स्मॉल फाइनैंस बैंक (यूनिटी एसएफबी) में 49 फीसदी में से 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए निवेशक तलाश रही है। यह कदम बैंक में शेयरधारिता घटाकर 10 फीसदी लाने के नियामक के नियमों के अनुरूप है। नेगी ने हिस्सेदारी बिक्री के बारे में ज्यादा जानकारी दिए बिना बताया कि कंपनी बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाने जा रही है।