IPO boom on Diwali: आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का बाजार इस साल दीवाली के आसपास खूब गुलजार होगा। अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर की शुरुआत तक 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ बाजार में दस्तक देने की तैयारी में हैं।
नामी वाहन कंपनी ह्युंडै मोटर इंडिया 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईपीओ लाने जा रही है, जिसे भारत का अभी तक का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है। इसके साथ ही फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी 11,600 करोड़ रुपये का और एनटीपीसी ग्रीन 10,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की तैयारी में है।
इन तीन बड़े आईपीओ के अलावा शापूरजी पलोनजी समूह की कंपनी एफकॉन इन्फ्रास्ट्रक्चर करीब 6,500 करोड़ रुपये का और वारी एनर्जीज 7,500 करोड़ रुपये का आईपीओ ला सकती है। इन बड़े निर्गमों को कामयाबी मिली तो वैश्विक बाजार में भारत का दबदबा और भी बढ़ जाएगा। इसके बाद कई अन्य कंपनियां भी भारतीय बाजार में सूचीबद्ध होने के लिए बढ़ सकती हैं क्योंकि यहां मूल्यांकन दुनिया के सभी बाजारों से ज्यादा है।
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इक्विटी पूंजी जुटाने के मामले में यह साल देसी बाजार के लिए रिकॉर्ड वर्ष साबित हो सकता है। 2024 में 63 कंपनियां अपने आईपीओ के जरिये 64,559 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं और कतार में लगे आईपीओ ने भी बाजार में दस्तक दी तो निर्गमों के जरिये 1.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी जुटा ली जाएगी, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा होगा। आईपीओ की संख्या के मामले में भी 2007 के बाद यही सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है। 2007 में 100 निर्गम बाजार में आए थे।
दक्षिण कोरियाई कंपनी ह्युंडै मोटर्स की भारतीय इकाई को आईपीओ के लिए नियामक की मंजूरी मिल गई है। सॉफ्टबैंक समर्थित स्विगी को भी नियामक की हरी झंडी मिल गई है।
सूत्रों ने कहा कि बैंकर इन कंपनियों का मूल्यांकन तय करने के लिए संभावित निवेशकों से बात कर रहे हैं, जिसके बाद ही इनके आईपीओ के आकार तय हो पाएंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी के पूर्ण स्वामित्व वाली एपटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ मसौदा (डीआरएचपी) जमा कराया है। कंपनी नियामक से आईपीओ को जल्द मंजूरी देने का आग्रह कर रही है ताकि अगले महीने निर्गम को बाजार में लाया जा सके।
एसबीआई कैपिटल मार्केट्स में ग्रुप हेड (इक्विटी कैपिटल मार्केट्स) दीपक कौशिक ने कहा, ‘ह्युंडै के आईपीओ से लगता है कि और भी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी भारतीय इकाइयों को सूचीबद्ध करना चाहती हैं, जबकि पहले भारतीय कंपनियां ही अच्छे मूल्यांकन के फेर में विदेश में सूचीबद्ध होने जाती थीं।’
कौशिक ने कहा, ‘मारुति सुजूकी 2003 में आईपीओ लाई थी और उसके बाद ह्युंडै मोटर इंडिया आईपीओ लाने वाली दूसरी कंपनी बन रही है। भारत का बाजार भी काफी बढ़ा है और दुनिया के सबसे बड़े इक्विटी बाजारों में शुमार हो गया है।’
बैंकरों ने कहा कि संस्थागत और खुदरा दोनों तरह के निवेशकों से मजबूत मांग देखते हुए कंपनियों को बाजार में बेहतर मूल्यांकन मिलने का हौसला हासिल हुआ है। कौशिक ने कहा, ‘बाजार में देसी-विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों या खुदरा निवेशकों से खूब निवेश आ रहा है। म्युचुअल फंडों के पास भी काफी पैसा है, जिसे निवेश करने की जरूरत है।’
2024 में अभी तक देसी संस्थागत निवेशकों ने 3.23 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 92,345 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। नई सूचीबद्ध फर्मों के हिसाब से चलने वाला बीएसई आईपीओ सूचकांक इस साल 31.3 फीसदी बढ़ा है, जबकि सेंसेक्स में इस दौरान 17.5 फीसदी की तेजी आई है।
स्विगी का आईपीओ तब आ रहा है, जब ई-कॉमर्स क्षेत्र की कंपनियां मुनाफा कमाने पर जोर दे रही हैं। एनटीपीसी ग्रीन का आईपीओ बता रहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ा जा रहा है। एक बैंकर ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘आने वाले महीनों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की कई और कंपनियां बाजार में दस्तक दे सकती हैं। निर्गम की कतार लंबी है और आने वाला साल ज्यादा रोमांचक होने वाला है।’