कम जोखिम वाले इक्विटी फंडों की पेशकश में से दो लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप फंडों ने 17 महीने में पहली बार जनवरी में निवेश के लिहाज से स्मॉलकैप फंडों को पीछे छोड़ दिया। यह बताता है कि मिड व स्मॉलकैप शेयरों में खासी तेजी के बाद निवेशकों का रुझान अब शायद लार्जकैप शेयरों की ओर हो रहा है।
लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप फंडों में शुद्ध निवेश पिछले महीने 3,730 करोड़ रुपये रहा जबकि स्मॉलकैप योजनाओं का शुद्ध संग्रह 3,260 करोड़ रुपये था। 60 फीसदी से ज्यादा लार्जकैप में निवेश करने वाली लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप योजनाएं पिछले 15 महीने से निवेश हासिल करने के लिए संघर्षरत हैं क्योंकि निवेशकों का ध्यान स्मॉलकैप व मिडकैप क्षेत्रों पर था जो काफी बड़े अंतर से लार्जकैप सेगमेंट से बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे।
कैलेंडर वर्ष 2023 में लार्जकैप बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स व निफ्टी-50 में करीब 20 फीसदी की उछाल दर्ज हुई जबकि निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में इस दौरान क्रमश: 46.6 फीसदी व 55.6 फीसदी की उछाल आई। साल के दौरान लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप फंडों ने कुल मिलाकर 4,500 करोड़ रुपये जुटाए। स्मॉलकैप फंडों ने करीब 40,000 करोड़ रुपये हासिल किए। निवेश के इन आंकड़ों में न्यू फंड ऑफरिंग यानी एनएफओ से जुटाई गई राशि शामिल नहीं है।
एसबीआई फंड मैनेजमेंट के डिप्टी एमडी और संयुक्त सीईओ डी पी सिंह ने कहा कि पिछले एक साल में स्मॉलकैप का मूल्यांकन काफी ज्यादा बढ़ा है। इस कारण कई विश्लेषकों ने निवेशकों को सतर्कता बरतने को कहा। लगता है, यह बात अब निवेशकों तक पहुंच गई है। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि निवेशकों के रुख में बदलाव लार्ज और मिड व स्मॉलकैप के मूल्यांकन में अंतर के मुताबिक है जो बताता है कि लार्जकैप व फ्लेक्सीकैप योजनाएं भविष्य में ज्यादा निवेश आकर्षित कर सकती हैं।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार 12 फरवरी को निफ्टी-50 का 12 महीने आगे का पीई अनुपात 20 था। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 का यह अनुपात क्रम से 27.8 और 22 रहा। इस अवधि में प्रमुख हाइब्रिड फंड मसलन बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों व डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन फंडों ने भी निवेश में तेजी देखी है।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों ने पिछले दो महीने में 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हासिल किया जबकि इससे पिछले छह महीने में उन्हें 970 करोड़ रुपये का निवेश मिला था। इस श्रेणी से 2023 के पहले छह महीनों में से पांच में निवेश निकासी देखने को मिली थी।
मल्टी ऐसेट फंडों के मामले में गैर-एनएफओ निवेश जनवरी में बढ़कर 2,833 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि पिछले छह महीने का औसत करीब 2,000 करोड़ रुपये रहा था। चूंकि हाइब्रिड फंड इक्विटी में आंशिक निवेश करते हैं। ऐसे में शुद्ध रूप से इक्विटी फंडों के मुकाबले इनमें जोखिम कम होता है। ज्यादातर सलाहकार तब हाइब्रिड फंडों में निवेश सलाह देते हैं जब इक्विटी में जोखिम बढ़ जाता है।