आर्कियन केमिकल इंडस्ट्रीज, 5 स्टार बिजनेस फाइनैंस, केन्स टेक्नोलॉजी इंडिया और आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज (आईनॉक्स ग्रीन) के शेयरों पर इस हफ्ते नजर रहेगी क्योंकि इनमें 90 दिन की एंकर लॉक-इन अवधि समाप्त हो रही है। इससे पहले भी एंकर लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद संस्थागत निवेशकों की बिकवाली का दबाव शेयरों पर देखा जा चुका है।
अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच उतारचढ़ाव सेंटिमेंट को और खराब कर सकता है। एक विश्लेषक ने कहा, आईनॉक्स ग्रीन को छोड़कर निवेशक अन्य तीनों शेयरों में काफी लाभ पर बैठे हैं, जहां एंकर लॉक-इन अवधि खत्म होने वाली है। उनमें बिकवाली का कुछ दबाव दिख सकता है, अगर बड़े निवेशक बिकवाली करते हैं। लेकिन निवेशक इस मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए कर सकते हैं।
एफपीआई लॉन्ग-शॉर्ट अनुपात दे रहा बदलाव का संकेत
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) हाल के हफ्तों में देसी इक्विटी के आक्रामक बिकवाल बन गए हैं। वे नकदी बाजार में बिकवाली कर रहे हैं और डेरिवेटिव में शॉर्ट पोजीशन बना रहे हैं, जिससे बाजारों में गिरावट का दबाव बन रहा है। 5पैसा के शोध प्रमुख रुचित जैन ने कहा, इंडेक्स फ्यूचर्स सेगमेंट में एफपीआई लॉन्ग-शॉर्ट अनुपात करीब 19 फीसदी है। उनके पास काफी ज्यादा शॉर्ट पोजीशन है। जैन ने कहा, सकारात्मक शुरुआत हालांकि शॉर्ट कवरिंग करा सकता है और बाजार को उच्चस्तर पर ले जा सकता है।
उन्होंने कहा, यह बाजार के लिए अहम संकेतक होगा। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी अगर 17,950-18,000 की ओर जाता है तो खरीदारी शुरू हो सकती है, जिससे यह 18,200-18,250 की ओर जा सकता है। विपरीत हालात में 17,700-17,600 को समर्थन का तात्कालिक स्तर देखा जा रहा है। शुक्रवार को निफ्टी 17,857 पर बंद हुआ था।
नॉन-गोल्ड ईटीएफ से दो साल में पहली निकासी
निवेशकों ने जनवरी में नॉन-गोल्ड ईटीएफ से शुद्ध रूप से 1,700 करोड़ रुपये की निवेश निकासी की। अक्टूबर 2020 के बाद यह पहला महीना है जब नॉन-गोल्ड ईटीएफ से निकासी हुई है।
उद्योग के आंकड़े बताते हैं कि ईटीएफ से निवेश निकासी इस साल जनवरी में मासिक आधार पर दोगुना होकर 16,670 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले दिसंबर में 8,980 करोड़ रुपये रही थी। निफ्टी-50 और निफ्टी नेक्स्ट 50 जैसे अहम ईटीएफ के प्रदर्शन पर जनवरी में असर पड़ा क्योंकि अदाणी समूह के शेयरों में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज हुई।