facebookmetapixel
सस्ते आयात, डंपिंग से देश के स्टील सेक्टर को नुकसान; नीतिगत समर्थन की जरूरत: RBIसोशल मीडिया पर AI कंटेंट पर सख्ती, लेबलिंग और वेरिफिकेशन अनिवार्य; MeitY ने जारी किया मसौदा नियमभारत बनेगा AI कंपनियों का नया ठिकाना, OpenAI और Anthropic करेंगी भर्ती और ऑफिस की शुरुआतIndia-US Trade Deal: 50% से 15% होगा टैरिफ! ट्रंप देंगे बड़ा तोहफा, जल्द फाइनल हो सकती है डीलMajhi Ladki Bahin Yojana: महिलाओं की स्कीम में 12 हजार पुरुषों को मिला फायदा! चौंकाने वाला खुलासाTata Motors CV की लिस्टिंग डेट पर बड़ा अपडेट! दिसंबर से बाजार में शुरू हो सकती है ट्रेडिंगTata Trusts: कार्यकाल खत्म होने से पहले वेणु श्रीनिवासन बने आजीवन ट्रस्टी, अब मेहली मिस्त्री पर टिकी निगाहेंMidwest IPO: 24 अक्टूबर को होगी लिस्टिंग, ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेत; GMP ₹100 पर पंहुचाUpcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों से

2022 में NFO के जरिए निवेश घटा

Last Updated- December 20, 2022 | 11:40 PM IST
FPI

म्युचुअल फंडों (MF) ने 2022 में नवंबर तक नई फंड पेशकशों (NFO के जरिये 53,700 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि 2021 के पूरे वर्ष में यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये था। 2021 के मुकाबले इस साल ज्यादा संख्या में योजनाएं पेश किए जाने के बावजूद यह कोष उगाही कमजोर बनी हुई है।

लोकप्रिय श्रेणियों में पेशकशों की कमी से निवेश घटा

उद्योग के जानकारों ने इस साल कम निवेश के लिए लोकप्रिय श्रेणियों में पेशकशों के अभाव को जिम्मेदार बताया है। सामान्य तौर पर, लोकप्रिय श्रेणियों में पेश किए जाने वाले NFO ही अच्छी कमाई में सफल होते हैं। उदाहरण के लिए, 2021 में प्रमुख पांच में से तीन NFO प्रख्यात दो फंड हाउसों एसबीआई एमएफ (SBI Mutual Fund) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ (ICICI Prudential Mutual Fund) से थे। ये तीन पेशकशें बैलेंस्ड एडवांटेज, फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप जैसी लोकप्रिय श्रेणियों में थीं।

2022 में नवंबर तक फंड हाउसों ने करीब 40 TMF पेश किए

इस साल, ज्यादातर पेशकशें पैसिव डेट फंड क्षेत्र से जुड़ी रही हैं, क्योंकि फंड हाउसों ने उभरती श्रेणी में मजबूत कंपनी बनने के प्रयास में टार्गेट मैच्युरिटी फंड (TMF) पेश करने पर जोर दिया है। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि 2022 में नवंबर तक फंड हाउसों ने करीब 40 TMS पेश किए। इसके बाद सबसे ज्यादा संख्या में योजनाएं डेट श्रेणी में पेश की गईं। डेट श्रेणी में करीब 30 निर्धारित परिपक्वता योजनाओं (एफएमपी) की पेशकश की गई।

वर्ष 2022 के दौरान नई इक्विटी फंड पेशकशों में आई बड़ी कमी

म्युचुअल फंड वितरकों का कहना है कि NFO संग्रह तब तक सुस्त बना रहेगा, जब तक इक्विटी खंड में कोई नई श्रेणी निवेशकों को आकर्षित नहीं करती है। सैपिएंट वेल्थ के संस्थापक एवं निदेशक अमित बिवालकर ने कहा, ‘प्रमुख फंड हाउसों के पास लोकप्रिय श्रेणियों में योजनाएं पहले से ही मौजूद हैं। इसलिए, वे ऐक्टिव इक्विटी में नई पेशकशें नहीं कर सकती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘नई पेशकशें पैसिव इक्विटी सेगमेंट में संभव हैं, लेकिन शुरुआत में इन्हें बहुत ज्यादा पूंजी प्रवाह हासिल नहीं होगा।’ NFO की सफलता काफी हद तक MF वितरकों पर निर्भर करती है, लेकिन चूंकि पैसिव फंड कम कमीशन से जुड़े हुए हैं, इसलिए इन्हें वितरकों से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।

यह भी सही है कि बाजार धारणा 2021 के मुकाबले 2022 में पूरी तरह अलग है। ब्याज दरें दुनियाभर में बढ़ने से बाजार इन चिंताओं से 2022 में अस्थिर हुए कि ऊंची ब्याज दरों के साथ साथ मुद्रास्फीति का वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 2022 में अब तक, निफ्टी-50 सूचकांक 2021 के 24 प्रतिशत के मुकाबले सिर्फ 4 प्रतिशत चढ़ा है। हालांकि, एमएफ अधिकारियों और फंड हाउसों की गतिविधियों से अवगत लोगों का कहना है कि आमतौर पर किसी फंड को पेश करते वक्त बाजार धारणा पर विचार नहीं किया जाता है।

जेआरएल मनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य निवेश रणनीतिकार विजई मंत्री ने कहा, ‘नई पेशकश की योजना बनाने के बाद म्युचुअल फंड हाउस को किसी फंड को पेश करने के लिए कम से कम तीन-चार महीने लगते हैं। इस समय में बाजार हालात बदल सकते हैं।’

First Published - December 20, 2022 | 8:15 PM IST

संबंधित पोस्ट