पूंजी बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने बुधवार को कहा कि वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारत को शामिल करने से कॉरपोरेट बॉन्ड में भी निवेशकों की रुचि बढ़ने की उम्मीद है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और उसके शिक्षा-केंद्रित क्षमता-निर्माण निकाय एनआईएसएम द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए बुच ने कहा कि नियामक रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्टों (इनविट) पर निवेश के न्यूनतम आकार को और कम कर देगा ताकि आम लोग भी इसे ले पाने में सक्षम हो सकें।
सेबी की चेयरपर्सन बुच ने कहा, “हम सभी खुश हैं कि अब भारत सरकार के बॉन्ड वैश्विक सूचकांकों का हिस्सा होंगे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वैश्विक सूचकांकों में सरकारी प्रतिभूतियों को शामिल करने से कॉरपोरेट ऋण में दिलचस्पी बढ़ेगी।”
जे पी मॉर्गन और ब्लूमबर्ग ने अपने सूचकांकों में भारत सरकार द्वारा जारी प्रतिभूतियों को शामिल करने की घोषणा की है। इससे विदेशी निवेशकों से भारतीय बॉन्ड बाजार में 40 अरब डॉलर तक का प्रवाह होने की उम्मीद है। बुच ने कहा कि धन बढ़ाने वाले साधनों की तलाश में लगी युवा पीढ़ी को रीट और इनविट पर ध्यान देना चाहिए, जो एक निवेशक को रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे की प्रमुख संपत्तियों में आंशिक स्वामित्व लेने में मदद करते हैं।
उन्होंने इन निवेश साधनों को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों का जिक्र करते हुए कहा, “इनविट क्षेत्र में निवेशकों, खासकर विदेशी निवेशकों की रुचि का स्तर बहुत महत्वपूर्ण है।”
बुच ने कहा कि सेबी ने ऐसी परिसंपत्ति वर्गों में न्यूनतम निवेश राशि पहले ही कम कर दी है क्योंकि ऐसी परिसंपत्तियों में जोखिम कम हो गया है। उन्होंने कहा, “हम इसे लगातार नीचे लेकर आए हैं और हमारा इरादा इसे और भी नीचे लाने और बेहद किफायती बनाने का है।” इसी कार्यक्रम में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने कहा कि नियामक निवेशकों की जागरूकता के स्तर और जानकारी हासिल करने के माध्यमों पर एक सर्वेक्षण शुरू करेगा।