अर्थव्यवस्था

भारत की पहली मरीन NBFC सागरमाला फाइनेंस ने बढ़ाई कर्ज सीमा, समुद्री प्रोजेक्ट्स को ₹25,000 करोड़ की राहत

कंपनी ने इस वित्त वर्ष (2024-25) में 8,000 करोड़ रुपये तुरंत जुटाए जाएंगे ताकि लेंडिंग का काम जल्द शुरू हो सके

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ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- November 22, 2025 | 5:53 PM IST

भारत की पहली समुद्री क्षेत्र की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी यानी NBFC, सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL) ने बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने कुल 25,000 करोड़ रुपये तक कर्ज लेने की सीमा को मंजूरी दे दी है। इसमें से इस वित्त वर्ष (2024-25) में 8,000 करोड़ रुपये तुरंत जुटाए जाएंगे ताकि लेंडिंग का काम जल्द शुरू हो सके।

शनिवार को कंपनी की सालाना आम सभा में ये फैसला लिया गया। SMFCL ने बताया कि पैसा बड़े बैंकों, वित्तीय संस्थानों और बॉन्ड जारी करके जुटाया जाएगा। इससे कंपनी बहुत जल्द लोन देना शुरू कर देगी।

रेटिंग से सस्ता कर्ज मिलने की उम्मीद

फिलहाल SMFCL देश की बड़ी रेटिंग एजेंसियों से बात कर रही है। समुद्री क्षेत्र का भविष्य अच्छा दिख रहा है और प्रोजेक्ट्स की लंबी लाइन है, इसलिए कंपनी को सबसे ऊंची रेटिंग (एपेक्स स्केल) मिलने की पूरी उम्मीद है। अच्छी रेटिंग आने से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और कर्ज पर ब्याज भी कम लगेगा।

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जहाज बनाने से लेकर तटवर्ती विकास तक, हर तरफ पैसा लगेगा

SMFCL का मुख्य मकसद भारत को दुनिया के बड़े जहाज बनाने वाले देशों में शामिल करना है। इसके लिए कंपनी सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्र की कंपनियों को मनचाहा लोन देगी, चाहे छोटी अवधि का हो, मध्यम अवधि का या लंबे समय का। जरूरत पड़े तो कैश फ्लो की दिक्कत दूर करने के लिए भी मदद करेगी और गारंटी जैसे नॉन-फंड आधारित उत्पाद भी देगी।

कंपनी ने साफ कहा है कि वो समुद्री अर्थव्यवस्था की पूरी चेन को पैसा मुहैया कराएगी। इसमें बंदरगाह, बंदरगाह से कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, बंदरगाह के आसपास इंडस्ट्री लगाना, तटीय इलाकों का विकास, कोस्टल शिपिंग, अंतर्देशीय जलमार्ग और सबसे खास कि जहाजों के लिए फाइनेंसिंग शामिल है।

First Published : November 22, 2025 | 5:53 PM IST