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KVIC: खादी व ग्रामोद्योग को रोजगार का जरिया बना रही योगी सरकार युवाओं को विभिन्न उद्योगों से संबंधित टूलकिट उपलब्ध करा आत्मनिर्भर बना रही है। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के जरिए रोजगार पाने वाले युवाओं की तादाद में वर्ष 2024-25 में बीते साल के मुकाबले 21 फीसदी की वृद्धि हुयी है। वर्तमान में खादी एवं ग्रानोद्योग बोर्ड द्वारा 3.90 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
खादी महोत्सव- 2025 उद्घाटन के मौके पर एमएसएमई एवं खादी ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि 2025 में 66,640 युवाओं को टूलकिट प्रदान कर स्वरोजगार से जोड़ा गया है। दोना मेकिंग मशीन, पॉपकॉर्न मशीन, हनी बॉक्स और विद्युत चालित चाक जैसे उपकरण ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार एवं चयनित लाभार्थियों को विभिन्न टूलकिट वितरित कर सम्मानित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनियों का आयोजन कर ग्रामीण उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध करवाया जा रहा है।
एमएसएमई मंत्री ने कहा कि इस वर्ष खादी महोत्सव 2025 का एक प्रमुख आकर्षण लाभार्थियों को आधुनिक उपकरणों का वितरण किया जाना है। जिसके तहत दोना बनाने वाली मशीनें, पॉपकॉर्न यूनिट और इलेक्ट्रिक कुम्हार चाक शामिल हैं। यह पहल ग्रामीण व कुटीर उत्पादों की उत्पादकता बढ़ाने, महिला-नेतृत्व वाले व्यवसायों का समर्थन करने और ग्रामीण युवाओं के लिए सार्थक आजीविका के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल के खादी मेले में 2000 से अधिक इकाइयों की भागीदारी रही और 44.38 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि खादी उत्पादों के छोटे उद्योग लगाने में राज्य सरकार लोगों की मदद कर रही है। इसके लिए दिए जाने वाले 25 लाख रुपये तक के कर्ज पर 5% की सब्सिडी दी जा रही है। प्रदेश सरकार ने खादी एवं ग्रामोद्योग विकास एवं सतत स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति लागू की है। सचान ने कहा कि ग्रामोद्योग शुरू करने पर कर्ज की दर सब्सिडी के साथ-साथ कई दूसरी रियायतें भी योजना के तहत दी जा रही हैं। इसके अलावा खादी एवं ग्रामोद्योग के उत्पाद अब स्टोर्स के साथ-साथ ऑनलाइन भी मिल रहे हैं। इसके लिए नीति में प्रावधान किया गया है।