Representative Image
SIP Investment Guide: आजकल लोग अपने भविष्य के लिए लंबी अवधि तक निवेश करने के विकल्प तलाश रहे हैं। ऐसे में SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान काफी लोकप्रिय हो गया है। विशेषज्ञ के मुताबिक, SIP खुद कोई निवेश नहीं है, बल्कि यह निवेश करने का एक तरीका है। इसके जरिए आप नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं और लंबी अवधि में अपने पैसे को बढ़ा सकते हैं।
स्क्रिपबॉक्स के मैनेजिंग पार्टनर सचिन जैन के अनुसार, SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें निवेश नियमित अंतराल पर होता है, जिससे बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम पड़ता है। दूसरा फायदा यह है कि SIP धैर्य का इनाम देता है। जितना लंबे समय तक आप निवेश करते हैं, कंपाउंडिंग का असर उतना अधिक होता है। इसलिए केवल 3-5 साल के लिए SIP करना अधिक लाभकारी नहीं माना जाता। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे 10-15 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश करना सबसे सही होता है।
SIP से निकासी करते समय कुछ अहम बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले यह देखें कि जिस लक्ष्य के लिए आपने निवेश किया था, वह पूरा हुआ या नहीं। इसके अलावा टैक्स का असर समझना भी जरूरी है, क्योंकि हर निकासी पर टैक्स लागू हो सकता है। अगर फंड पर एग्जिट लोड यानी निकासी शुल्क लागू है तो इसकी जानकारी भी लें। साथ ही यह देखें कि फंड का प्रदर्शन कैसा है और क्या यह अपने उद्देश्य पर कायम है। अगर स्कीम खराब प्रदर्शन कर रही है या अपनी रणनीति बदल रही है, तो निकासी पर विचार करना चाहिए।
PersonalCFO के सीईओ सुशील जैन के अनुसार, टैक्स और एग्जिट लोड के अलावा निवेशकों को कुछ और बातों पर ध्यान देना चाहिए। कमजोर प्रदर्शन वाले फंड को पहले देखें। सेक्टरल और स्मॉल-कैप फंड को पहले निकालें, क्योंकि इन्हें लंबा समय चाहिए। जिन स्कीमों के लक्ष्य पूरा होने वाले हों, उनसे निकासी करें। कुल निवेश के साथ-साथ इक्विटी में अलोकेशन पर भी ध्यान दें – जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और फ्लेक्सी कैप। अगर जरूरत हो, तो 2-3 स्कीम में से उन यूनिट्स को निकालें जिनकी होल्डिंग 1 साल से अधिक हो, ताकि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन से बचा जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि SIP लंबी अवधि के लिए बनाया गया निवेश है। नियमित और धैर्यपूर्वक निवेश करने पर ही इसका सही फायदा मिलता है। इसलिए शुरुआत और निकासी दोनों ही सोच-समझकर करनी चाहिए, तभी SIP निवेशकों के लिए लाभकारी साबित होता है।