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New Aadhaar App: यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) जल्द ही एक नया आधार ऐप लॉन्च करने जा रही है। इस ऐप का उद्देश्य पहचान सत्यापन को सुरक्षित, आसान और पेपरलेस बनाना है।
UIDAI ने बताया कि नया ऐप ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन पर खास जोर देगा। इसका मकसद उन धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करना है, जो लोग आधार कार्ड की फोटोकॉपी साझा करने से हो सकते हैं।
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा कि यह ऐप ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन के लिए एक भरोसेमंद और व्यापक इकोसिस्टम तैयार करेगा और लोगों को बताएगा कि उनकी प्राइवेसी का कैसे ध्यान रखा जाता है।
होटल में चेक-इन, गेस्ट के प्रवेश, इवेंट्स या ऑफिस में आने-जाने के दौरान लोग अक्सर अपने आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी देते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे जानकारी का ग़लत इस्तेमाल हो सकता है।
नए ऐप के जरिए लोग बिना किसी दस्तावेज़ को सौंपे या अपना पूरा आधार नंबर बताए अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं। इसमें सुरक्षित QR कोड स्कैन या ऐप आधारित अन्य तरीकों का उपयोग होगा।
UIDAI के डिप्टी डायरेक्टर जनरल विवेक चंद्र वर्मा ने कहा कि यह प्रक्रिया गोपनीयता की सुरक्षा करती है और QR कोड और ऑफ़लाइन फेस वेरिफिकेशन जैसी कई विकल्पों को समर्थन देती है।
नया आधार ऐप: यूजर्स को मिलेगा ज्यादा नियंत्रण और सुविधाएं
UIDAI ने हाल ही में अपने नए आधार ऐप को लॉन्च किया है, जो आधार धारकों को अपने डेटा पर ज्यादा नियंत्रण देने वाला है। नए ऐप की खासियतें इस प्रकार हैं:
मल्टी-प्रोफाइल सपोर्ट: अब एक ऐप में परिवार के पांच सदस्यों के आधार विवरण रखे जा सकते हैं।
जानकारी साझा करने का विकल्प: यूजर्स अपनी पूरी या सीमित आधार जानकारी जरूरत के हिसाब से साझा कर सकते हैं।
बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक: एक क्लिक में बायोमेट्रिक डेटा को लॉक कर गैरकानूनी इस्तेमाल से बचाया जा सकता है।
पेपरलेस वेरिफिकेशन टूल्स: QR कोड और डिजिटल क्रेडेंशियल के जरिए ऑफलाइन भी सुरक्षित सत्यापन किया जा सकेगा।
सरल अपडेट विकल्प: मोबाइल नंबर और पता अपडेट करना अब ऐप के जरिए आसान और तेज होगा।
UIDAI का कहना है कि नया ऐप उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
यूआईडीएआई ने अपनी नई आधार ऐप का उपयोग करने का आसान तरीका बताया है। यूजर्स को ऐप केवल आधिकारिक स्रोत से ही डाउनलोड करना चाहिए। ऐप में लॉगिन करने के लिए आधार से जुड़े मोबाइल नंबर और फेस वेरिफिकेशन की जरूरत होगी। लॉगिन के बाद यूजर को छह अंकों का पासवर्ड सेट करना होगा। ध्यान दें, एक ही डिवाइस पर केवल एक आधार प्रोफाइल एक्टिव रह सकती है। अगर आप नए डिवाइस पर लॉगिन करेंगे, तो पहले वाला प्रोफाइल अपने आप बंद हो जाएगा।
यूआईडीएआई ने कहा कि अब और अधिक कंपनियां और संस्थान ऑफलाइन वेरिफिकेशन को अपने सिस्टम में शामिल करेंगे। उन्होंने संस्थाओं को “ऑफलाइन वेरिफिकेशन सीकिंग एंटिटीज़ (OVSE)” के रूप में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि पहचान प्रणाली और सुरक्षित बन सके।
यूआईडीएआई का उद्देश्य है कि रोजमर्रा के पहचान काम तेज, सुरक्षित और प्राइवेट हों। इससे यूजर्स को अपनी पहचान पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा और धोखाधड़ी के जोखिम भी कम होंगे।