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भारतीय नियामक ‘माइक्रो रीट’ योजना को लाने की कर रहे तैयारी, नई बाजारों को मिलेगा बढ़ावा

Last Updated- December 14, 2022 | 11:56 PM IST
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भारत का बाजार नियामक ‘माइक्रो रीट’ रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट को अनुमति देने की योजना बना रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत एक महामारी से उबर रहा है, इसलिए इस योजना के तहत अधिकतर संपत्ति कंपनियों को नई बाजार में लाना है। अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) निवेशकों के लिए आपूर्ति और लचीलेपन को बढ़ाने के लिए रीट के आकार को कम करने पर विचार कर रहा है, ताकि उन्हें केवल एक संपत्ति या कई तरह के पोर्टफोलियो रखने की अनुमति मिल सके।

भारत में रीट का अब न्यूनतम संपत्ति मूल्य 5 अरब रुपये (6 करोड़ डॉलर) होना चाहिए। इस बात की संभावना है कि सेबी न्यूनतम मूल्य को कम कर सकता है, इसकी सूचना पहले नहीं दी गई थी। अधिकारी ने कहा कि सेबी उपभोक्ता खुदरा बाजारों से राय ले रहा था। अधिकारी ने कहा कि भारत में शैंपू की मांग सीमित थी लेकिन जैसे ही सिंगल पाउच वाले शैंपू बाजार में आने लगे, इसकी मांग में तेजी आ गई। इसका सबसे बड़ा कारण इसके मूल्य का गरीब परिवारों के बजट के अनुरूप होना था।

अधिकारी ने कहा कि सेबी माइक्रो रीट के साथ यही करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारी ने अपना नाम बताने से इनकार कर दिया क्योंकि मामले पर सेबी की चर्चा निजी थी। सेबी ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। सेबी की योजना भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट के बाजार में तेजी के बीच आई है। अगले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट बाजार में मांग और कीमतों में लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि कर्मचारी अब कार्यालयों में वापस जाने लगे हैं और दुकानदार मॉल में पहुंचने लगे हैं।
रीट सूचीबद्ध संस्थाएं हैं जो किराए पर देने वाली संपत्तियों में निवेश करती हैं और अपनी अधिकांश आय को लाभांश के रूप में वितरित करती हैं। निवेश बैंकिंग सलाहकार फर्म एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक शोभित अग्रवाल ने चेतावनी दी कि सूचीबद्ध रीट के आकार को कम करने से बाजार को बढ़ने में मदद नहीं मिल सकती है।

अग्रवाल ने कहा कि लागत और अनुपालन को देखते हुए प्रायोजक संपत्ति का न्यूनतम आकार चाहते हैं, ताकि उनकी संपत्ति को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध किया जा सके। उन्होंने कहा कि जो बाजार अभी बढ़ ही रहा है उसमें छोटी और एकल संपत्ति रीट की अनुमति देने से बाजार की गुणवत्ता में कमी भी आ सकती है। रीट बाजार में व्यवस्थित रूप से धीरे-धीरे बढ़ रही है और खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। सेबी ने पहली बार 2014 में रीट को रियल एस्टेट क्षेत्र में पूंजी निवेश करने और डेवलपर्स को अपने कर्ज को कम करने में मदद करने के लिए अनुमति दी थी। लेकिन उच्च करों और बोझिल नियमों से मांग प्रभावित हुई।

रीट और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्टों में रुचि धीरे-धीरे बढ़ी है क्योंकि 2019 में पहले रीट को नियमों में ढील दिए जाने के बाद सूचीबद्ध किया गया था। नियमों में रीट को प्रवेश मिलने में आ रही बाधाओं को कम किया गया था और बड़े पैमाने पर निवेशकों को शामिल करने की अनुमति दी गई थी। भारत में सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाले तीन रीट हैं, जिनमें से दो ब्लैकस्टोन इंक द्वारा सूचीबद्ध हैं। अमेरिकी निवेश फंड जल्दी ही चौथी रीट का नाम सूचीबद्ध करा सकता है। इस साल की शुरुआत में जारी एक पीडब्ल्यूसी रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी तुलना में, संयुक्त राज्य अमेरिका में करीब 200 सूचीबद्ध रीट हैं और जापान में इनकी संख्या 64 है।

First Published - December 14, 2022 | 10:10 PM IST

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