facebookmetapixel
90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: FitchIncome Tax Refund: टैक्स रिफंड अटका हुआ है? बैंक अकाउंट वैलिडेशन करना तो नहीं भूल गए! जानें क्या करें2 साल के हाई पर पहुंची बॉन्ड यील्ड, एक्सपर्ट ने बताया- किन बॉन्ड में बन रहा निवेश का मौकाCBIC ने दी चेतावनी, GST के फायदों की अफवाहों में न फंसे व्यापारी…वरना हो सकता है नुकसान‘Bullet’ के दीवानों के लिए खुशखबरी! Royal Enfield ने 350 cc बाइक की कीमतें घटाईUrban Company IPO: ₹1,900 करोड़ जुटाने के लिए खुला आईपीओ, लंबी अवधि के लिए निवेशक करें सब्सक्रिप्शनबर्नस्टीन ने स्टॉक पोर्टफोलियो में किया बड़ा फेरबदल: HDFC Bank समेत 5 नए जोड़े, 6 बड़े स्टॉक बाहरनिर्यातकों से लेकर बॉन्ड ट्रेडर्स तक: RBI पर हस्तक्षेप करने का बढ़ता दबाव

इंडेक्स ऑप्शन टर्नओवर 8 साल में पहली बार घटा

इंडेक्स ऑप्शंस का सालाना प्रीमियम टर्नओवर वित्त वर्ष 24 के 138 लाख करोड़ रुपये से घटकर 136 लाख करोड़ रुपये रह गया।

Last Updated- April 28, 2025 | 11:29 PM IST
Stock Market
प्रतीकात्मक तस्वीर

डेरिवेटिव सेगमेंट में सट्टेबाजी और जुनून पर लगाम लगाने के लिए नियामक के कई कदम उठाने के कारण वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आठ वर्षों में पहली बार इंडेक्स ऑप्शंस के सालाना प्रीमियम टर्नओवर में गिरावट आई है। एनएसई के आंकड़ों से पता चलता है कि इंडेक्स ऑप्शंस का सालाना प्रीमियम टर्नओवर वित्त वर्ष 24 के 138 लाख करोड़ रुपये से घटकर 136 लाख करोड़ रुपये रह गया। छोटी ही सही लेकिन यह तेज गिरावट ऑप्शन ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेजी से बढ़ोतरी के बाद आई है। इंडेक्स ऑप्शन प्रीमियम टर्नओवर में पिछले आठ वर्षों में 58 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है।

सर्वेक्षणों के बाद (जिनमें वायदा और विकल्प में खुदरा ट्रेडरों के भारी घाटे के बारे में बताया गया था) सेबी ने कई कदम उठाए थे। इनमें प्रति एक्सचेंज एक बेंचमार्क तक साप्ताहिक एक्सपायरी को सीमित करना, अनुबंधों का आकार बढ़ाना तथा खरीदारों से विकल्प प्रीमियम का अग्रिम संग्रह शामिल था।

वित्त वर्ष 2025 की एनएसई की मार्केट पल्स रिपोर्ट के अनुसार पहले आठ महीनों के दौरान मासिक औसत प्रीमियम टर्नओवर 12.4 लाख करोड़ रुपये था जो शुरुआती नियामकीय बदलाव लागू होने से पहले था। दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक यह घटकर 9.1 लाख करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, स्टॉक ऑप्शन की ओर रुझान बढ़ा है और इसमें सालाना आधार पर 40 फीसदी की उछाल दर्ज की गई है। सालाना कारोबार 20 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है। हाल के महीनों में इक्विटी कैश सेगमेंट में रोजाना औसत कारोबार में गिरावट के बावजूद मार्च में औसत व्यापार के आकार में वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट में विदेशी निवेशकों की सहभागिता में बदलाव को भी उजागर किया गया है जिनकी इक्विटी फ्यूचर्स टर्नओवर में हिस्सेदारी 25 फीसदी से अधिक हो गई है जो पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 406 आधार अंक ज्यादा है। इक्विटी ऑप्शंस में यह हिस्सेदारी बढ़कर 9.6 फीसदी हो गई।

इक्विटी फ्यूचर्स में, खासतौर पर स्टॉक फ्यूचर्स में बढ़ोतरी ज्यादा रही, जहां विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी सालाना आधार पर 432 आधार अंक बढ़कर 28 फीसदी के पार चली गई जो अभी तक का उच्चतम सालाना स्तर है। इंडेक्स फ्यूचर्स में भी वित्त वर्ष 2025 में उनकी हिस्सेदारी सालाना आधार पर 105 आधार अंक बढ़कर 15 फीसदी हो गई।

First Published - April 28, 2025 | 10:48 PM IST

संबंधित पोस्ट