facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Coforge, Vedanta से लेकर PNB तक हलचल, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरAI की एंट्री से IT इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव, मेगा आउटसोर्सिंग सौदों की जगह छोटे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट‘2025 भारत के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियों का वर्ष रहा’, मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदीकोल इंडिया की सभी सब्सिडियरी कंपनियां 2030 तक होंगी लिस्टेड, प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया निर्देशभारत में डायग्नॉस्टिक्स इंडस्ट्री के विस्तार में जबरदस्त तेजी, नई लैब और सेंटरों में हो रहा बड़ा निवेशजवाहर लाल नेहरू पोर्ट अपनी अधिकतम सीमा पर पहुंचेगा, क्षमता बढ़कर 1.2 करोड़ TEU होगीFDI लक्ष्य चूकने पर भारत बनाएगा निगरानी समिति, न्यूजीलैंड को मिल सकती है राहतपारेषण परिसंपत्तियों से फंड जुटाने को लेकर राज्यों की चिंता दूर करने में जुटी केंद्र सरकार2025 में AI में हुआ भारी निवेश, लेकिन अब तक ठोस मुनाफा नहीं; उत्साह और असर के बीच बड़ा अंतरवाहन उद्योग साल 2025 को रिकॉर्ड बिक्री के साथ करेगा विदा, कुल बिक्री 2.8 करोड़ के पार

आईडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 70 करोड़ डॉलर का फंड लाएगा

Last Updated- December 05, 2022 | 11:42 PM IST

इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनी आईडीएफसी अपने आईडी-एफसी प्राइवेट इक्विटी फंड के लिए 70 करोड़ डॉलर जुटाने जा रही है।


फंड इस पैसे से इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदेगी। कंपनी के एमडी (इंवेस्टमेंट्स) सतीश मंधाना के मुताबिक यह फंड अगले दो या तीन हफ्तों में बंद हो जाएगा और इसमें इकट्ठा किया जा रहा ज्यादातर पैसा विदेश से आना है।


भारत में तेजी से हो रहे विकास को देखते हुए ही विदेशी निवेशक भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर आकर्षित होते हैं।सरकार के अनुमान के मुताबिक भारत को अपनी विकास की रफ्तार बनाए रखने के लिए और नई सड़कें, नए पोर्ट, एयरपोर्ट और पावर प्लांट बनाने के लिए साल 2012 तक करीब 500 अरब डॉलर की जरूरत होगी। इस भारी रकम का 30 फीसदी हिस्सा प्राइवेट सेक्टर खर्च करेगा और बाकी का पैसा केन्द्र और राज्य सरकारे लगाएंगीं।


मंधाना ने हांगकांग में एक कांफ्रेंस के बाद बातचीत में बताया कि हमारा मॉडल इस पैसे को उन कंपनियों में लगाने का है जिनके पास अपनी असेट का पोर्टफोलियो हो, हम प्राइवेट इक्विटी रिटर्न देने की कोशिश कर रहे हैं इंफ्रास्ट्रक्चर रिटर्न नहीं। यह आईडीएफसी का तीसरा फंड है और उसका इरादा 20 फीसदी तक का रिटर्न देने का है जबकि आमतौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर असेट 12-13 फीसदी का रिटर्न देते हैं।


आईडीएफसी का पहला फंड 19 करोड़ डॉलर का था जबकि दूसरा 44 करोड़ डॉलर का। मौजूदा फंड 70 करोड़ डॉलर का है और यह पैसा उन कंपनियों में लगाया जाएगा जो टेक्नोलॉजी, पावर और ट्रांसपोर्ट के कारोबार में हैं।मंधाना के मुताबिक क्योकि भारत अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता 50 फीसदी तक बढ़ाकर 2 लाख मेगावाट करना चाहता है लिहाजा कई नए पावर जेनरेशन कंपनियों को कैपिटल की जरूरत होगी।


आईडीएफसी ने अपने पहले के फंडों का पैसा फोटोवोल्टायक सेल बनाने वाली कंपनी और क्विपो टेलिकॉम में लगाया था, क्विपो टेलिकॉम ऑपरेटरों को कम्युनिकेशन टावर मुहैया कराती है और कंपनी को हर महीने 80 लाख सेलफोन की बिक्री को देखते हुए और पूंजी की जरूरत थी। आईडीएफसी इस क्षेत्र में अमेरिकी इंवेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैच्स जैसी कंपनियों के साथ मुकाबले में है।

First Published - April 24, 2008 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट