घरेलू परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने वित्त वर्ष 2021 में अपना सर्वाधिक शुद्घ लाभ दर्ज किया है। इक्विटी बाजारों में शानदार तेजी, निवेशक प्रवाह बढऩे और खर्च में कमी की वजह से इन कंपनियों को अपना शुद्घ मुनाफा बढ़ाने में मदद मिली है।
म्युचुअल फंडों के प्रदर्शन पर नजर रखने वाले संगठन वैल्यू रिसर्च के आंकड़े के अनुसार, एएमसी ने वित्त वर्ष 2021 6,859 करोड़ रुपये का संयुक्त लाभ दर्ज किया, जो पूर्ववर्ती वर्ष में दर्ज किए गए 5,232 करोड़ रुपये के मुकाबले 31 प्रतिशत की वृद्घि है।
40 विभिन्न फंड हाउसों में शामिल, एचडीएफसी एएमसी ने 1,326 करोड़ रुपये का सर्वाधिक मुनाफा दर्ज किया, जिसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी (1,245 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। मोतीलाल ओसवाल एएमसी, डीएसपी एएमसी, और ऐक्सिस एएमसी जैसी अन्य कंपनियों ने अपना मुनाफा पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले दोगना किया।
सुंदरम म्युचुअल फंड के प्रबंध निदेशक सुनील सुब्रमण्यन ने कहा, ‘वेतन और किराये सपाट बनाए हुए हैं और यात्रा तथा इवेंट की लागत पिछले साल काफी घट गई। हालांकि मुनाफे में वृद्घि की मुख्य वजह शेयर बाजार और इक्विटी परिसंपत्तियों में आई तेजी है।’ पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान कई शाखाओं को बंद कर दिया गया था और लोगों ने घर से काम करना पसंद किया। इससे म्युचुअल फंडों के लिए लागत में कमी को बढ़ावा मिला।
इस बीच, इक्विटी बाजारों में तेजी बरकरार है और इक्विटी एयूएम में सुधार आ रहा है जिससे मजबूत मुनाफे को बढ़ावा मिल रहा है। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी के आंकड़े से पता चला है कि इक्विटी फंडों की एयूएम मार्च 2020 के अंत में 5.8 लाख करोड़ रुपये पर थीं, जो मार्च 2021 में बढ़कर 9.8 लाख करोड़ रुपये हो गईं। वित्त वर्ष 2021 में, बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 में 68 प्रतिशत और 71 प्रतिशत की तेजी आई।
इस उद्योग के लिए कुल एयूएम 31 मार्च 2021 तक 31.42 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज की गई थी, जबकि 31 मार्च, 2020 तक यह आंकड़ा 22.2 लाख करोड़ रुपये था।
ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर एवं वित्तीय सेवाओं (रिस्क) के राष्ट्रीय प्रमुख विवेक अय्यर ने कहा, ‘परिसंपत्ति प्रबंधन शुल्क फंड हाउसों के लिए उनकी सभी योजनाओं में राजस्व का मुख्य स्रोत है। बाजार चक्र के अनुरूप ढांचागत उत्पादों की लोकप्रियता बरकरार रहने की संभावना है जिससे ज्यादा निवेशक आकर्षित होने और ऊंची एयूएम को बढ़ावा मिल रहा है। भारत में फंड हाउसों ने पारंपरिक रूप से इस पर हमेशा से ध्यान दिया है। ‘
उद्योग कंपनियों का मानना है कि इस साल मुनाफा 15-20 प्रतिशत बढ़ेगा, क्योंकि इक्विटी में उत्साह बना हुआ है। इसके अलावा, इक्विटी योजनाओं में मजबूत प्रवाह भी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 59,436 करोड़ रुपये के साथ मजबूत बना रहा। इसके अलावा, कुछ सूचीबद्घ कंपनियों के नतीजों से भी यह संकेत मिला है कि मुनाफे की रफ्तार वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही के दौरान बरकरार रही है।
