म्युचुअल फंडों ने साल 2023 में तेज रफ्तार से नए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खाते जोड़े और कैलेंडर वर्ष में नए खातों की संख्या 1.5 करोड़ के पार निकल गई, जो साल 2022 के 1.22 करोड़ के आंकड़ों के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
म्युचुअल फंड के अधिकारियों और वितरकों के मुताबिक एसआईपी खातों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से शेयर कीमतों में लगातार तेजी के बीच इक्विटी योजनाओं के ऊंचे रिटर्न के कारण हुई। बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी-50 ने साल की समाप्ति क्रमश: 18.7 फीसदी व 20 फीसदी की बढ़त के साथ की। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने इससे दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की।
मनीफ्रंट के सीईओ मोहित गर्ग ने कहा कि हाल के वर्षों में म्युचुअल फंडों में निवेश की प्रवृत्ति बढ़ी है और साल 2023 में शेयर बाजारों में तेजी के कारण इस दिलचस्पी में और इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में इक्विटी और एमएफ ने जिस तरह का रिटर्न दिया है उससे ऐसे कई नए निवेशक म्युचुअल फंडों के साथ जुड़ रहे हैं जो इससे चूक गए थे।
निप्पॉन इंडिया एमएफ के सीईओ संदीप सिक्का ने कहा कि एसआईपी म्युचुअल फंडों में के निवेश के तरजीही साधन के तौर पर उभर रहा है। देश भर के निवेशक म्युचुअल फंडों में निवेश के लिए एसआईपी चुन रहे हैं। हमारे एक चौथाई निवेशक पहली बार एसआईपी निवेशक बने हैं। यह अनुशासित और लंबी अवधि के निवेश को लेकर प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है।
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प्रत्यक्ष इक्विटी के क्षेत्र में भी बाजार का असर देखा गया है। निवेशकों ने दिसंबर में 42 लाख नए डीमैट खाते खोले, जो किसी एक माह में सबसे ज्यादा खुले नए खाते हैं। नए एसआईपी खातों पर बाजार के प्रदर्शन का असर मासिक एसआईपी आंकड़ों से भी साफ होता है। सकल नए एसआईपी खाते साल 2023 की दूसरी छमाही में 55 फीसदी ज्यादा खुले और ये 2.12 करोड़ रहे जो पहली छमाही में 1.37 करोड़ थे।
म्युचुअल फंड उद्योग को आगे ले जाने के लिए एसआईपी अहम जरिया बन गया है और पिछले दो साल से एसआईपी के जरिये निवेश करीब-करीब हर महीने बढ़ रहा है। जनवरी 2017 में मासिक एसआईपी निवेश 4,100 करोड़ रुपये था जो दिसंबर 2023 में बढ़कर 17,600 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एसआईपी निवेश में साल 2021 से सतत वृद्धि हो रही है।
हालांकि साल 2023 में एसआईपी खाते बंद होने की रफ्तार नए खाते खुलने के मुकाबले ज्यादा रही। नए खातों का सकल जुड़ाव साल 2023 में 36 फीसदी बढ़कर 3.49 करोड़ हो गया जबकि बंद होने वाले खाते की संख्या 47 फीसदी उछलकर 1.97 करोड़ हो गई।
इसके परिणामस्वरूप एसआईपी बंद होने का अनुपात (जो नए खाते के जुड़ाव के प्रतिशत के तौर पर एसआईपी के बंद होने वाले खाते का अनुपात बताता है) साल 2022 के 0.53 फीसदी से 0.57 फीसदी पर पहुंच गया।
खातों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो ज्यादातर नए एसआईपी खाते स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों में हो सकते हैं। स्मॉलकैप फडों ने साल 2023 में 68 लाख खाते जोड़े हैं। इसकी तुलना में लार्जकैप फंडों में महज 3 लाख खाते जुड़े हैं। मिडकैप के साथ स्मॉलकैप और थीमेटिक योजनाओं ने पिछले साल के निवेश का ज्यादातर हिस्सा आकर्षित किया।
नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया ने कहा कि साल 2023 में पांच अग्रणी इक्विटी श्रेणियों में 1.62 लाख करोड़ रुपये के निवेश का 85 फीसदी हिस्सा आया। इनमें योगदान देने वालों में स्मॉलकैप (25 फीसदी), सेक्टोररल/थीमेटिक (19 फीसदी), मिडकैप (14 फीसदी), मल्टीकैप (12 फीसदी) और लार्ज व मिडकैप (12 फीसदी) शामिल रहे। लार्जकैप व फोकस्ड स्कीम ने क्रमश: 3,000 करोड़ रुपये व 2,700 करोड़ रुपये की निकासी का सामना किया।