HCL Tech Q1 Results Preview: देश की बड़ी आईटी कंपनी HCL टेक्नोलॉजीज़ को जून 2025 तिमाही में रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट, दोनों में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। इस गिरावट की मुख्य वजह कंपनी के सर्विस और प्रोडक्ट सेगमेंट में मौसमी कमजोरी को माना जा रहा है। कंपनी 14 जुलाई, सोमवार को अपने नतीजे घोषित करेगी।
Business Standard से जुड़े विश्लेषकों के अनुसार, HCL Tech का रेवेन्यू तिमाही दर तिमाही (Q-o-Q) आधार पर 0.02% गिरकर ₹30,240.28 करोड़ रह सकता है। यह गिरावट मुख्य रूप से सर्विसेज बिज़नेस में ‘सीजनल प्रोडक्टिविटी पास-थ्रू’ के कारण बताई जा रही है, जो पहली तिमाही में आमतौर पर देखने को मिलता है। नेट प्रॉफिट की बात करें तो कंपनी को ₹4,145.13 करोड़ का मुनाफा हो सकता है, जो पिछली तिमाही से 3.76% कम होगा। साल-दर-साल (Y-o-Y) आधार पर भी औसतन 2.65% की गिरावट देखी जा सकती है।
विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन (EBIT Margin) भी तिमाही दर तिमाही घट सकते हैं। सर्विसेज बिज़नेस की सुस्ती और मौसमी ‘प्रोडक्टिविटी रिसेट’ की वजह से यह दबाव बढ़ सकता है। मार्च 2025 में समाप्त पिछली तिमाही में HCL Technologies ने मजबूत नतीजे पेश किए थे। उस तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 8.10% बढ़कर ₹4,309 करोड़ रहा था। रेवेन्यू भी 6.13% बढ़कर ₹30,246 करोड़ पहुंचा था, जो इससे पिछले तिमाही में ₹28,499 करोड़ था।
कोटक सिक्योरिटीज़ को उम्मीद है कि HCL टेक्नोलॉजीज की जून तिमाही में constant currency के आधार पर रेवेन्यू में 0.8% की तिमाही गिरावट आ सकती है। सर्विसेज और प्रोडक्ट्स दोनों सेगमेंट में मौसमी कमजोरी का असर दिख सकता है। हालांकि, लगभग 214 बेसिस पॉइंट्स की विदेशी मुद्रा से मदद (cross-currency tailwind) इस गिरावट को थोड़ा संतुलित कर सकती है। बावजूद इसके, EBIT मार्जिन में 60 बेसिस पॉइंट की गिरावट संभव है, क्योंकि सर्विस रेवेन्यू कम रहेगा और प्रोडक्टिविटी का फायदा पहले जैसा नहीं मिलेगा। कोटक को भरोसा है कि कंपनी इस नरम तिमाही के बावजूद $2 से $2.5 बिलियन तक की मजबूत डील्स हासिल कर सकती है। साथ ही, HCL अपने पूरे साल की 2-5% रेवेन्यू ग्रोथ और 18-19% EBIT मार्जिन का गाइडेंस बनाए रखेगी।
ICICI Securities का अनुमान है कि HCL Tech जून तिमाही में डॉलर टर्म में 1.3% की बढ़त दिखा सकती है, लेकिन constant currency में रेवेन्यू 0.4% गिर सकता है। इसकी वजह पिछले साल की बड़ी डील्स का “anniversary impact” और मैन्युफैक्चरिंग, खासकर ऑटो सेक्टर में कमज़ोर मांग को माना जा रहा है। इसके उलट, BFSI, एनर्जी और यूटिलिटीज वर्टिकल्स में मांग स्थिर बनी हुई है। ICICI का कहना है कि डील एक्टिविटी अभी भी जारी है, लेकिन कंपनियों का डिस्क्रेश्नरी खर्च (इच्छानुसार खर्च) अब भी सीमित है। EBIT मार्जिन में लगभग 100 बेसिस पॉइंट की गिरावट संभव है और यह 17% तक आ सकता है। इसका कारण रेवेन्यू में नरमी और डॉलर के मुकाबले रुपये की मज़बूती है।
ALSO READ | IREDA Q1FY26 results: नवरत्न पीएसयू कंपनी का मुनाफा 36% घटकर ₹246.88 करोड़ रहा , रेवेन्यू 29% बढ़ा
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों का मानना है कि HCL Tech की जून तिमाही में रेवेन्यू 1.2% गिर सकता है। सर्विस सेगमेंट में भी उतनी ही गिरावट संभावित है। हालांकि, BFSI और हाई-टेक सेक्टर से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खासकर ऑटो सेगमेंट, में दबाव बना रह सकता है। अच्छी बात यह है कि कुछ हद तक स्थिरता के संकेत भी देखने को मिल रहे हैं। मार्जिन की बात करें तो EBIT मार्जिन में 50 बेसिस पॉइंट की गिरावट संभव है, जो कि पहली तिमाही में आमतौर पर होता आया है।