कॉरपोरेट गवर्नेंस मानकों के सख्त होने और नियामकीय अनुपालन बढ़ने से देश की बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल (बोर्ड) में लगातार विस्तार हो रहा है। कॉरपोरेट गवर्नेंस पर एक्सीलेंस एनेबलर्स सर्वे के पांचवें संस्करण के मुताबिक निफ्टी 100 कंपनियों के निदेशक मंडल में वित्त वर्ष 24 तक औसतन 10.52 सदस्य थे जबकि वित्त वर्ष 21 में यह संख्या 9.86 और वित्त वर्ष 23 में 10.48 थी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन की अगुआई में यह पहल की गई थी।
सर्वेक्षण के 2024 संस्करण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 24 में निफ्टी 100 कंपनियों में से 14 प्रतिशत में 14 या उससे अधिक निदेशक थे। वित्त वर्ष 21 में ऐसी 8 और वित्त वर्ष 23 में 11 कंपनियां थीं। इस बीच 61 कंपनियों ने वित्त वर्ष 24 में नौ से 13 निदेशक होने की सूचना दी जबकि वित्त वर्ष 23 में कंपनियों की संख्या 65 थी। इस तरह ऐसी कंपनियों के मामले में कुछ गिरावट आई। लेकिन वित्त वर्ष 21 की 57 कंपनियों के मुकाबले में इसमें इजाफा हुआ। परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 24 में निफ्टी 100 कंपनियों में से 75 प्रतिशत कंपनियों में 9 या उससे ज्यादा निदेशक थे जबकि वित्त वर्ष 21 में यह संख्या 65 प्रतिशत थी।
सर्वेक्षण में बड़े निदेशक मंडल के फायदों पर प्रकाश डाला गया है और इस बात पर जोर दिया गया कि आकार का निदेशक मंडल के प्रदर्शन और प्रभावशीलता पर महत्त्वपूर्ण रूप से असर पड़ता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘निदेशक मंडल की पांच अनिवार्य समितियां होने से निदेशक मंडल के पर्याप्त सदस्य होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि समितियों का ठीक से गठन हुआ है और लगभग सभी समितियों में एक जैसे सदस्य नहीं हैं। साथ ही सूचनाओं में तालमेल भी रहेगा वरना समितियों में नहीं होने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।’
सेबी के नियमों में यह प्रावधान है कि शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों (1 अप्रैल, 2019 से लागू) और शीर्ष 2,000 सूचीबद्ध कंपनियों (1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी) के निदेशक मंडल में कम से कम छह निदेशक जरूर होने चाहिए। एक को छोड़कर सभी निफ्टी 100 कंपनियां इस अनिवार्यता का अनुपालन करती हैं।
नियामकीय आवश्यकताओं और बाहरी दृष्टिकोणों की बढ़ती मांग के अनुरूप कंपनियां अधिक संख्या में गैर-कार्यकारी निदेशकों (एनईडी) की नियुक्ति कर रही हैं। सर्वेक्षण के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में निफ्टी 100 कंपनियों में से 99 प्रतिशत में गैर-कार्यकारी निदेशकों की हिस्सेदारी आधी से अधिक थी। वित्त वर्ष 21 में 84 प्रतिशत कंपनियों में यह स्थिति थी।
इसी तरह निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशकों (आईडी) की संख्या में वृद्धि हुई है क्योंकि अधिकांश कंपनियां स्वतंत्र निदेशकों के प्रतिनिधित्व के संबंध में सेबी के मानदंडों का पालन कर रही हैं। वित्त वर्ष 24 में निफ्टी 100 की 81 कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत या उससे अधिक थी जबकि वित्त वर्ष 21 में 63 और वित्त वर्ष 23 में 77 कंपनियां ऐसी थीं। महिला-पुरुष विविधता के संबंध में भी प्रगति हुई है। निफ्टी 100 कंपनियों ने वित्त वर्ष 24 में 200 महिला निदेशकों की सूचना दी जबकि वित्त वर्ष 21 में यह संख्या 158 और वित्त वर्ष 23 में 193 थी। इनमें से 73.5 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशक थीं।