आर्थिक सुधार और टीकाकरण दर सुधरने को लेकर पैदा हुई उम्मीदों के बीच निवेशकों ने आठ महीने के अंतराल के बाद अब गोल्ड एक्सचेंज ट्रेटेड फंडों (ईटीएफ) से निकासी पर जोर दिया है। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में गिरावट से भी निवेशक डेट और इक्विटी फंड जैसे अन्य निवेश विकल्पों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि गोल्ड ईटीएफ ने जुलाई में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्घ निकासी दर्ज की। पिछली बार, गोल्ड ईटीएफ में नवंबर 2020 में शुद्घ निकासी दर्ज की गई थी।
दिसंबर और जून के बीच की अवधि में, निवेशकों ने इक्विटी बाजार में तेजी के बीच अपने निवेश में विविधता लाने के लिए गोल्ड ईटीएफ में 3,537 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
क्वांटम म्युचुअल फंड में अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स के वरिष्ठ फंड प्रबंधक चिराग मेहता का कहना है कि टीकाकरण के मोर्चे पर प्रगति और वृहद आर्थिक हालात में सुधार से जोखिम वाली परिसंपत्तियों की लोकप्रियता बढ़ी है और अनुकूल बुनियादी आधार के बावजूद सोने का आकर्षक घटा है। मेहता कहते हैं, ‘जून में फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक सख्ती की चर्चा ने भी सोने को डॉलर के स्तर पर ला दिया था। इसमें बिकवाली संभावित थी, क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरें 2022 के अंत तक शून्य स्तर के करीब पहुंचने को तैयार हैं और राहत प्रोत्साहन में किसी तरह की नरमी इस पर निर्भर करेगी कि अर्थव्यवस्था की चाल कैसी रहती है।’ आईबीजेए के आंकड़े से पता चलता है कि सोने की कीमत मंगलवार को 46,035 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी। सोना पिछले तीन महीने में 3.3 प्रतिशत तक और पिछले एक साल में 16.7 प्रतिशत तक गिरा है।
अक्सर, सोने को आर्थिक अनिश्चितता से बचाव के तौर पर महत्वपूर्ण निवेश समझा जाता है और निवेशकों ने कोविड-19 की आशंका की वजह से पिछले कुछ महीनों में सोने में पैसा लगाया। लेकिन अब निवेशक अन्य परिसंपत्ति वर्गों को पसंद कर रहे हैं, क्योंकि गोल्ड फंडों ने पिछले एक साल में 17.51 प्रतिशत का औसत प्रतिफल दिया है। यह प्रतिफल पिछले एक साल में म्युचुअल फंड क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन वाली श्रेणियों में से एक है।
एलएक्सएमई की संस्थापक प्रीति राठी गुप्ता ने कहा, ‘गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी हुई है, क्योंकि सोने की कीमतें कुछ समय से सर्वाधिक ऊंचे स्तरों पर थीं, जिससे निवेशकों में कीमतें गिरने की आशंका पैदा हुई है और इसके अलावा इक्विटी तथा डेट फंडों के आकर्षक प्रतिफल ने भी निवेशकों को अपना पैसा इन योजनाओं में लगाने के लिए प्रेरित किया है।’
जहां जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में बिकवाली दर्ज कीगई, वहीं डेट और इक्विटी फंड जैसी अन्य श्रेणियों ने पूंजी प्रवाह आकर्षित किया। एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि इक्विटी फंडों में 22,584 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि डेट फंडों में पिछले महीने 73,694.04 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ। बाजार कारोबारियों का कहना है कि हालाङ्क्षक बुनियादी आधार मजबूत बना हुआ है, लेकिन चुनौतीपूर्ण वृहद आर्थिक घटनाक्रम से सोने की कीमतें अल्पावधि में सीमित दायरे में बनी रहेंगी।