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GenAI, EV, फिनटेक सहित इन सेक्टर्स में रहेगी FPIs की दिलचस्पी, एडवाइजर्स ने बताए कहां होगा ज्यादा निवेश

सरकार का अनुमान है कि साल 2026 तक भारतीय जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा।

Last Updated- January 04, 2024 | 10:09 PM IST
FPI Investments

भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने साल 2023 में उम्दा प्रदर्शन किया और बेंचमार्क सूचकांक अप्रत्याशित ऊंचाई पर पहुंच गए। निफ्टी व सेंसेक्स क्रमश: 21,000 व 71,000 को पार कर गए वहीं एनएसई मिडकैप 100 और एनएसई स्मॉलकैप 250 में कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान क्रमश: 40.9 फीसदी व 42 फीसदी की उछाल आई।

अब साल 2024 में विदेशी निवेशकों की ज्यादा दिलचस्पी हेल्थकेयर व इंश्योरेंस, फिनटेक, अक्षय ऊर्जा व क्लाइमेट टेक, इलेक्ट्रिक वाहन व ऑटोमोबाइल में नजर आएगी। यह कहना है वित्तीय सलाहकार फर्म पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स का।

एसीएमआईआईएल के खुदरा प्रमुख देवांग शाह ने कहा, जो क्षेत्र साल 2024 में भारत में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेंगे उनमें हेल्थकेयर व इंश्योरेंस, फिनटेक, अक्षय ऊर्जा व क्लाइमेट टेक, इलेक्ट्रिक वाहन व ऑटोमोबाइल, आईटी व सर्विसेज, रियल एस्टेट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, एफएमसीजी, आरऐंडडी, टेक इनोवेशन और एआई शामिल हैं।

साल 2023 में ये सभी क्षेत्र लगातार कामयाबी की राह पर रहे हैं क्योंकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर नीतियां हाल के वर्षों में उदार हुई हैं और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं को आगे बढ़ाया गया है।

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था निवेशकों को आकर्षित करना जारी रखेगी क्योंकि लोगों के जीवन को बदलने, प्रशासन और एंटरप्राइज के परिचालन में तकनीक आधारित समाधान की मांग हो रही है।

ऑनलाइन उत्पादों और सेवाओं की तेजी से बढ़ रही मांग गैर-मेट्रो शहरों में खर्च करने की भारत की बढ़ती ताकत को दिखाती है। एसीएमआईआईएल की रिपोर्ट में ये बातें कही गई है।

सरकार का अनुमान है कि साल 2026 तक भारतीय जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा।

एसीएमआईआईएल की प्रबंध निदेशक (समूह) दीना मेहता ने कहा कि उभरते उद्योगों में साल 2024 में निवेश की अगुआई में वृद्धि होगी और इनमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सॉल्युशंस, ग्रीन हाइड्रोजन, बायोटेक्नोलॉजी, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स) और सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण, असेंबली व डिजाइन शामिल हैं।

विदेशी कंपनियां भारतीय बाजार को फायदे के तौर पर देख रही हैं क्योंकि राज्य सरकारें अत्याधुनिक तकनीक आकर्षित करने और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को लेकर लचीला रुख अपनाए हुए हैं और प्रतिस्पर्धी प्रोत्साहन की पेशकश कर रही हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक वैल्यू चेन में भारत की भागीदारी में इजाफा सरकार व देसी बाजार के हितधारकों के लिए प्रमुख लक्ष्य है। अभी तक मोबाइल उद्योग का निर्यात के मोर्चे पर प्रदर्शन आपूर्ति शृंखला में और गहराई तक घुसने के लिहाज से पहला कदम रहा है।

इसके अलावा भारत ने अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ने के बीच कार्बन में कमी लगाने की पहल को तेज कर दिया है और उसका इरादा साल 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का है। कंपनी क्षेत्र में सस्टैनिबिलिटी व ईएसजी प्रमुख संगठनों व विनिर्माण एंटरप्राइजेज के रेडार पर है क्योंकि ग्रीन टेक का कौशल साल 2024 में अहम भूमिका के लिए नियुक्तियों पर प्रभाव डालेगा।

टीमलीज डिजिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का हरित उद्योग वित्त वर्ष 2024-25 तक 37 लाख नौकरियां जोड़ सकता है, जो अभी 1.85 करोड़ है। सबसे ज्यादा मांग वाला कौशल है अक्षय ऊर्जा, पर्यावरण, सेहत की सुरक्षा, सौर ऊर्जा, सीएसआर और सस्टनैबिलिटी।

First Published - January 4, 2024 | 10:09 PM IST

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