भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को जल्द ही आसान बना सकता है। मगर एक अधिकारी ने बताया कि यह रियायत केवल उन एफपीआई को मिलेगी, जो सरकारी बॉन्डों में निवेश करने जा रहे हैं। सेबी दो महीने के भीतर इसकी घोषणा कर सकता है। उसने कुछ अरसा पहले एफपीआई के पंजीकरण के लिए कुछ खास जानकारी जरूरी कर दी थी। मगर नियमों में बदलाव होने के बाद इसकी जरूरत शायद ही पड़ेगी।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने कहा, ‘जहां तक सरकारी बॉन्ड में निवेश करने वाले एफपीआई की बात है तो हमें सेबी के लिए किसी खास जानकारी की जरूरत नहीं होगी। मगर भारतीय रिजर्व बैंक को ग्राहक को जानें (केवाईसी) प्रक्रिया के लिए और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को स्थायी खाता संख्या (पैन) जारी करने के लिए जिस जानकारी की जरूरत होती है, वह यहां भी देनी होगी। निवेशक समूह, किसी खास प्रतिभूति में निवेश जैसी काफी जानकारी तब तक नहीं चाहिए होगी, जब तक निवेश केवल भारत सरकार के बॉन्ड में किया जा रहा है।’
सेबी, एनआईएसएम और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) द्वारा आयोजित ‘संवाद’ संगोष्ठी में उक्त अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह सुविधा केवल उन एफपीआई के लिए होगी जो भारत सरकार के बॉन्डों में ही निवेश करेंगे और दूसरे किसी साधन में निवेश करने वालों को यह सहूलियत नहीं मिलेगी। कहीं और निवेश करने के लिए उन्हें सामान्य तरीके से अलग पंजीकरण कराना होगा।
अधिकारी ने कहा कि बाजार नियामक एफपीआई की पंजीकरण प्रक्रिया में लगने वाले समय पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘एफपीआई के लिए नई अर्जियां बढ़ रही हैं और हम एफपीआई पंजीकरण में लगने वाले समय पर नजर रख रहे हैं। इस प्रक्रिया में जहां भी बाधा की जानकारी मिल रही है, हम उसे दूर करने के कदम उठा रहे हैं। इससे पंजीकरण में लगने वाला वास्तविक समय कम हो रहा है। बहु निवेश प्रबंधक व्यवस्था कायम करने के लिए उन्हें जिन मदों में जानकारी देनी पड़ती है, उनकी संख्या 45 फीसदी तक घट गई है।’
नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में तकरीबन 12,000 एफपीआई पंजीकृत हैं। 2024 में एफपीआई ने करीब 1.66 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। जनवरी में अभी तक 36,500 करोड़ रुपये की निकाल चुके हैं।
पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के कदम तब उठाए जा रहे हैं, जब भारतीय बॉन्डों को वैश्विक सूचकांकों में शामिल किया जा रहा है। इससे नए निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिल रही है। इससे पहले नवंबर 2024 में बाजार नियामक ने एफपीआई पंजीकरण के लिए आवेदन पत्र छोटा कर प्रक्रिया को सरल बनाने की घोषणा की थी।