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FPI का सितंबर के पहले सप्ताह में शेयरों में 11,000 करोड़ रुपये का निवेश

भारतीय बाजार में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद के चलते एफपीआई का निवेश बढ़ा है।

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भाषा   
Last Updated- September 08, 2024 | 6:00 PM IST

विदेशी निवेशकों ने महीने के पहले सप्ताह में घरेलू शेयर बाजारों में करीब 11,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भारतीय बाजार में मजबूती और अमेरिका में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद के चलते एफपीआई का निवेश बढ़ा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) जून से लगातार इक्विटी खरीद रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने अप्रैल-मई में 34,252 करोड़ रुपये की राशि निकाली थी।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि हाल ही में हुए निवेश आशाजनक हैं और भारत की मजबूत वृहद आर्थिक स्थिति से यह जारी रह सकता है। हालांकि, अमेरिकी ब्याज दर और भू-राजनीतिक परिदृश्य जैसे वैश्विक कारक प्रेरक शक्ति बने रहेंगे।

आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने इस महीने (छह सितंबर तक) शेयरों में 10,978 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों के बाद धारणा में सुधार आने के बाद एफपीआई भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने संकेत दिया था कि ब्याज दर में कटौती हो सकती है।

श्रीवास्तव ने कहा, “इस सप्ताह शुद्ध प्रवाह का कारण अमेरिका में ब्याज दर में कटौती चक्र के जल्द ही शुरू होने की बढ़ी हुई संभावनाओं को दिया जा सकता है। …साथ ही भारत की आर्थिक वृद्धि की बेहतर संभावनाओं को भी इसका श्रेय दिया जा सकता है।”

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कुछ चुनिंदा बड़ी कंपनियों के शेयरों में खरीदारी ने भी निवेश में योगदान दिया। इससे विदेशी निवेशकों की भारतीय इक्विटी बाजारों द्वारा पेश अवसरों का लाभ उठाने की उत्सुकता का संकेत मिलता है। साथ ही, एफआईआई निवेश के लिए प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से नियामक सुधारों की एक शृंखला ने निवेशकों की भावना को और बढ़ा दिया है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल में गिरावट के कारण भारत जैसे उभरते बाजारों में एफपीआई प्रवाह के लिए यह सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि हालांकि, ऊंचे मूल्यांकन चिंता का विषय हैं। अगर आने वाले दिनों में अमेरिका की वृद्धि को लेकर चिंताओं का असर वैश्विक इक्विटी बाजारों पर पड़ता है, तो एफपीआई इस अवसर का उपयोग भारत में खरीदारी के लिए कर सकते हैं। समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने इक्विटी के अलावा बॉन्ड बाजार में 7,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।

First Published : September 8, 2024 | 6:00 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)