facebookmetapixel
Gujarat Kidney IPO की शेयर बाजार में पॉजिटिव एंट्री, 6% प्रीमियम पर लिस्ट हुए शेयरGold silver price today: सोने-चांदी के दाम उछले, MCX पर सोना ₹1.36 लाख के करीबDelhi Weather Today: दिल्ली में कोहरे के चलते रेड अलर्ट, हवाई यात्रा और सड़क मार्ग प्रभावितNifty Outlook: 26,000 बना बड़ी रुकावट, क्या आगे बढ़ पाएगा बाजार? एनालिस्ट्स ने बताया अहम लेवलStock Market Update: शेयर बाजार की सुस्त शुरुआत, सेंसेक्स 150 अंक गिरकर खुला; निफ्टी 25900 के नीचेबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांसStocks To Watch Today: InterGlobe, BEL, Lupin समेत इन कंपनियों के शेयरों पर आज रहेगा फोकसYear Ender: भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 2025 चुनौतियों और उम्मीदों का मिला-जुला साल रहानवंबर में औद्योगिक उत्पादन 25 महीने में सबसे तेज बढ़ा, विनिर्माण और खनन ने दिया बढ़ावाBPCL आंध्र प्रदेश रिफाइनरी में 30-40 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को बेचेगी, निवेश पर बातचीत शुरू

विदेशी निवेशकों ने $1 बिलियन के बॉन्ड खरीदे, GDP डेटा से बढ़ीं उम्मीदें

शुक्रवार को जीडीपी डेटा जारी होने के बाद 10 साल के बॉन्ड यील्ड में गिरावट दर्ज की गई है और यह तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

Last Updated- December 05, 2024 | 4:45 PM IST
FPI Selling
Representative Image

पिछले चार सत्रों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय सरकारी बॉन्ड की खरीद बढ़ा दी है। पिछले हफ्ते कमजोर आर्थिक वृद्धि के आंकड़ों के बाद यह उम्मीद जगी कि केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति में राहत दे सकता है। विदेशी निवेशकों ने “फुली एक्सेसिबल रूट” (FAR) के तहत बुधवार तक 9,000 करोड़ रुपये (लगभग $1.06 बिलियन) के बॉन्ड खरीदे। इनमें से ज्यादातर बॉन्ड JPMorgan के डेट इंडेक्स का हिस्सा हैं। यह जानकारी क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के डेटा से मिली।

हालांकि, नवंबर के ज्यादातर समय विदेशी निवेशकों ने बॉन्ड भारी मात्रा में बेचे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड ऊंचे स्तर पर बने रहे, और डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में राहत को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई थी।

एक समय ऐसा भी आया जब FAR बॉन्ड में शुद्ध बिक्री 10,000 करोड़ रुपये को पार कर गई थी।

एएनजेड के अर्थशास्त्री और एफएक्स रेट्स स्ट्रैटजिस्ट धीरज निम ने कहा, “मुझे लगता है कि बाजार मौद्रिक नीति में राहत की उम्मीदों के कारण बॉन्ड को सकारात्मक रूप से देख रहा है, जिससे निवेश में मदद मिली है।” भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतिगत घोषणा शुक्रवार को होने वाली है।

शुक्रवार को जीडीपी डेटा जारी होने के बाद 10 साल के बॉन्ड यील्ड में गिरावट दर्ज की गई है और यह तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। साथ ही, रीपो रेट और बॉन्ड यील्ड के बीच का अंतर सात साल के निचले स्तर पर आ गया है। इससे संकेत मिलता है कि मौद्रिक नीति में कुछ राहत देखने को मिल सकती है।

ज्यादातर बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि आरबीआई बैंकों का कैश रिजर्व रेशियो (CRR) 4.5% से कम कर सकता है। हालांकि, कुछ लोग सीधे ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।

अगर CRR में 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) की कटौती होती है, तो बैंकिंग सिस्टम में करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये की नकदी आएगी, जिससे बॉन्ड की मांग बढ़ सकती है।

एक विशेषज्ञ ने कहा, “मैं दर में कटौती के पक्ष में हूं। विकास दर में गिरावट के गंभीर खतरे हैं, भले ही यह एक चक्रीय सुस्ती हो। अर्थव्यवस्था पहले से ही नेगेटिव आउटकम गैप में है।”

स्ट्रेट्स इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के सीईओ मनीष भार्गव ने कहा, “कमजोर GDP डेटा से यह साफ है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है। विदेशी निवेशक और बैंक मानते हैं कि आरबीआई विकास को बढ़ावा देने के लिए जल्द दरें कम कर सकता है या स्थिर रख सकता है।”

कुछ लोग मानते हैं कि बॉन्ड की मांग दर कटौती की उम्मीद से बढ़ी है। लेकिन यील्ड अभी भी निवेशकों के लिए आकर्षक बनी हुई है। इसके अलावा, हाल के हफ्तों में रुपया दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले सबसे कम कमजोर हुआ है। भार्गव ने कहा, “भारत के ऊंचे यील्ड निवेशकों को अच्छा रिटर्न पाने का मौका दे रहे हैं।”

First Published - December 5, 2024 | 3:35 PM IST

संबंधित पोस्ट