आने वाली तिमाही प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए अच्छी नहीं होने वाली है जबकि रुपए में डॉलर की तुलना में काफी गिरावट भी आई है।
डॉलर की तुलना में रुपए की कीमतों में औसत 4.7 फीसदी की कमी आई है जबकि इस तिमाही के अंतिम में डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत में 7.3 फीसदी की गिरावट आई। जिसे कंपनियों को अपना ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन को 1.4 फीसदी से 1.8 फीसदी तक बढ़ाने में मद्द मिलेगी।
हालांकि कर्मचारियों के ऊंचे वेतनमान और वीजे की लागत की वजह से कंपनियों का यह आंकड़ा थोड़ा कम भी हो सकता है। परिणामस्वरुप इंफोसिस और टीसीएस दोनों केमार्जिन कार्न्टैक्ट में कमी देखी जा सकती है जिससे उनका शुध्द लाभ प्रभावित हो सकता है। विप्रो और सत्यम कम्यूटरर्स अपने लाभ को बरकरार रख सकते हैं हालांकि उनके लाभ में थोड़ी सी ही बढ़ोतरी होने के आसार हैं।
कंपनियों के राजस्व के अगली तिमाही में दो से चार फीसदी की धीमी गति से बढ़ने के आसार हैं हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि साल के अंत तक इसमें बढ़त देखी जा सकती है। इन कंपनियों द्वारा बजटिंग प्रक्रिया केदेर से चलने की वजह वैश्विक बाजार में चल रही अनिश्चितता है। सत्यम कम्यूटर्स की टॉपलाइन ग्रोथ के सबसे बेहतर रहने के आसार हैं जबकि टीसीएस के परिणाम शेयर बाजार को परेशान कर सकते हैं क्योंकि इस कंपनी का ज्यादातर फोकस बैंकिंग और वित्त्तीय क्षेत्र में है। विश्लेषकों का अनुमान है कि इंफोसिस और सत्यम के टॉपलाइन गाइडेंस के डॉलर की बिना पर एक फीसदी तक बढ़ने के आसार हैं।
हालांकि मुद्रा में चल रहा ताजा रुझान सभी बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचा सकता है। जो कंपनियां मार्क टू मार्क हेज पॉलिसी का इस्तेमाल करती हैं उनके लाभ केज्यादा रहने के आसार हैं। इसके बावजूद इंफोसिस को बेहतर लाभ मिलने की संभावना है क्योंकि कंपनी के पास छोटा फॉरेक्स कवर है। टीसीएस और विप्रो जो मार्क टू मार्क हेज पॉलिसी का इस्तेमाल करती हैं,उन्हे हुआ नुकसान बैलेंस सीट में ज्यादा दिखेगा बनिस्बत इनकम स्टेटमेंट के।
इस सेक्टर ने पिछले तीन महीनों में शेयर बाजार में आउटपरफार्म किया है और आगे भी इसके आउटपरफार्म करने की संभावना है। हालांकि कि ऑर्डर केधीमे रहने की संभावना है हालांकि लंबी अवधि में यह बढ़ सकते हैं। हालांकि नए प्रोजेक्ट पर ठीक से बात करके बिल्डर्स अपना लाभ बरकरार रख सकते हैं। मौजूदा बाजार मूल्य केस्तर पर इन कंपनियों के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 14 गुना के स्तर पर हो रहा है। इंफोसिस का कारोबार 17 गुना केस्तर पर,टीसीएस का कारोबार 14 गुना के स्तर पर तथा विप्रो का कारोबार 15.4 गुना केस्तर पर हो रहा है।
ग्लेनमार्क-वैश्विक बनने की ओर
एक्टेविस से सात ब्रांड खरीदने के बाद 1,978 करोड़ की ग्लेनमार्क के पास सभी उत्पाद और सुविधाएं है जिससे वह अपना प्रसार यूरोपीय बाजार में कर सकती है।
कंपनी के पास मार्केटिंग के लिए भी पर्याप्त सुविधाएं हैं। वर्तमान वर्ष में कंपनी के इन सातों उत्पादों की बिक्री 15 मिलियन डॉलर के करीब रहने की संभावना है जिसमें साइटेल और लैमोट्रिक्स की हिस्सेदारी आधा से ज्यादा होगी। इसके बाद कंपनी तीनों सीमा बाजारों में उपस्थिति हो जाएगी-चेक रिपब्लिक,पोलैंड और रोमानिया।
पोलिस बाजार बहुत आकर्षक है और रिसर्च कंपनी बीएमआई के अनुसार इस बाजार की वर्तमान क्षमता 19,600 करोड़ है और 2011 तक इसके 24,400 करोड़ तक पहुंच जाने के आसार हैं। ग्लेनमार्क के पास अब अपने जेनेरिक कारोबार को पूरे विश्व में फैलाने का अवसर है क्योंकि कंपनी की अमेरिका ,एशिया ,लैटिन अमेरिका और आस्ट्रेलिया में पहले से ही उपस्थिति है। 540 करोड़ के कारोबार के साथ यह कंपनी अमेरिका में सफल दवा कंपनियों में से एक है।
कंपनी के कुल कारोबार में अमेरिका से आने वाले टर्नओवर का हिस्सा एक चौथाई है। इस स्तर तक पहुंचने के लिए कंपनी ने छोटे छोटे अधिग्रहणों पर फोकस किया है और इन छोटे छोटे अधिग्रहणों के साथ कंपनी ने अपने उत्पादों और टर्नओवर को भी समृध्द किया है। कंपनी की योजना एक रिसर्च कंपनी बनने की भी है और इसके लिए कंपनी अमेरिका और यूरोप के बाजारों की ओर रुख कर रही है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान अधिग्रहण के बाद कंपनी की वित्त्तीय वर्ष 2009 की आय में कमी आ सकती है हालांकि यह इस कंपनी के वर्ष के अंत तक कंपनी के बॉटमलाइन केलिए योगदान देना शुरु कर देना चाहिए।
ग्लेनमार्क के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में वित्त्तीय वर्ष 2008 में 5.8 फीसदी का सुधार हुआ और यह 40.6 फीसदी पर पहुंच गया। वित्त्तीय वर्ष 2009 में कंपनी के कुल राजस्व 2600 करोड़ के करीब और शुध्द लाभ 750 करोड़ के करीब रहना चाहिए। कंपनी की प्रति शेयर आय के अगले कुछ सालों में 15 से 20 फीसदी की गति से बढ़ने के आसार हैं। मौजूदा बाजार मूल्य 606 रु पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 21 गुना के स्तर पर हो रहा है।