facebookmetapixel
मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स से भारत में कारोबार बढ़ाएगी डीपी वर्ल्डटाइटन ने लैब-ग्रोन डायमंड बाजार में रखा कदम, ‘beYon’ ब्रांड लॉन्चभारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र

कोविड के बाद से हर दूसरा व्यक्ति कर रहा अधिक निवेश

Last Updated- December 13, 2022 | 10:41 AM IST
investment

शहरी भारत में रहने वाले प्रत्येक दूसरे व्यक्ति ने अपने निवेश की रकम बढ़ा दी है। एक सर्वे के अनुसार, लोग मार्च 2020 के बाद से अधिक निवेश करना शुरू कर दिए हैं। कोविड महामारी ने लोगों को निवेश करने और अधिक पैसे बचाने को लेकर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। अन्य मुख्य कारणों में यह भी है कि लोगों ने इस बात पर अधिक विश्वास करना शुरू कर दिया है कि अधिक इक्विटी निवेश से बेहतर रिटर्न मिल जाता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, निवेश प्रक्रिया में आसानी और कमाई में इजाफे से भी लोग निवेश करने में पीछे नहीं हट रहे हैं।

डीएसपी म्युचुअल फंड (एमएफ) और यूगोव के सर्वे से यह पता चलता है कि 45 फीसदी से अधिक लोगों ने अपना निवेश बढ़ाया है, वहीं 23 फीसदी लोगों ने वेतन में कटौती, जोखिम लेने की क्षमता में गिरावट या व्यवसाय और नौकरी में अनिश्चितता के कारण निवेश कम कर दिया है।

डीएसपी एमएफ के अनुसार इस सर्वे में 10 शहरों के लगभग 4,600 निवेशकों ने हिस्सा लिया।

इस सर्वे में यह पाया गया कि अधिकतर महिलाएं निवेश के मामले में दूसरों पर निर्भर हैं। सर्वे के मुताबिक, लगभग दो-तिहाई या करीब 65 फीसदी पुरुष निवेश करने का निर्णय स्वेच्छा से लेते हैं, जबकि इस मामले में महिलाओं की संख्या 44 फीसदी ही है। यहां तक कि 67 फीसदी महिलाएं अपने पति से पूछकर ही कोई वित्तीय निर्णय लेती हैं, जबकि पुरुषों की बात की जाए तो 48 फीसदी लोगों ने ही कोई वित्तीय निवेश करने से पहले अपनी पत्नी से सलाह ली है।

सर्वे में दोनों के निवेश करने के लक्ष्य को भी लेकर डेटा जुटाया गया, जिससे पता चलता है कि पुरुषों और महिलाओं द्वारा निवेश करने का लक्ष्य समान ही है। दोनों जीवन जीने के तरीके, रिटायरमेंट के बाद पर्याप्त बचत और अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर निवेश करना चाहते हैं। हालांकि बच्चों की शिक्षा के मामले में महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा अधिक बचत करना चाहती हैं।

सर्वे के मुताबिक, 45 फीसदी महिलाओं की प्राथमिकता की सूची में बच्चों की शिक्षा थी, जबकि पुरुषों की संख्या मात्र 40 फीसदी ही थी। 38 फीसदी पुरुषों ने कर्ज मुक्त जीवन जीने की इच्छा जताई जबकि महिलाओं की संख्या इसके लिए 33 फीसदी थी। अपना व्यवसाय शुरू करने के मामले में 26 फीसदी पुरुष और 23 फीसदी महिलाओं ने इच्छा दिखाई।

First Published - December 13, 2022 | 9:55 AM IST

संबंधित पोस्ट