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वै​श्विक बाजारों में दिख चुका है फेड की आगामी दर वृद्धि का असर; जोखिम में भारतीय इक्विटी

अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा अगले सप्ताह होने वाली बैठक में 25 आधार अंक तक की दर वृद्धि किए जाने का अनुमान है

Last Updated- March 06, 2023 | 7:54 PM IST

UBS के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है कि भारतीय इक्विटी बाजार महंगे दिख रहे हैं और यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए दरें बढ़ाकर 6 प्रतिशत करता है तो बाजार में गिरावट आ सकती है। वहीं मौजूदा स्तर पर वै​श्विक इक्विटी बाजारों में फेड द्वारा दर बढ़ाकर 5.5 प्रतिशत किए जाने की आशंका का असर दिख चुका है।

उनके अनुसार, भारत अमेरिकी दरों के लिहाज से बेहद संवेदनशील बाजारों में शुमार है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि भारतीय इ​क्विटी में मूल्यांकन के हिसाब से गिरावट का जो​खिम बना हुआ है, क्योंकि घरेलू प्रवाह से समर्थन दरें बढ़ने/ऊंची बने रहने से और कमजोर पड़ने का अनुमान है।’

अगले कुछ वर्षों के दौरान मुख्य ध्यान फरवरी की रोजगार रिपोर्ट पर केंद्रित होगा, जिसे शुक्रवार को पेश किया जाएगा, और फेडरल चेयरमैन जेरोम पॉवेल के नीतिगत दरों से संबं​धित रुख पर नजर बनी रहेगी। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक अगले सप्ताह होने वाली बैठक में 25 आधार अंक तक की दर वृद्धि करेगा।

पिछली दो बैठकों में भी अमेरिकी फेड द्वारा समान अनुपात में दर वृद्धि की गई। मार्च 2022 से फेड ने ब्याज दरों में आठ गुना इजाफा किया है, जिसमें इस अव​धि के दौरान उसने लगाचार चार बार 0.75 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी।

यूबीएस की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘उभरते बाजारों के लिए पिछले तीन महीने के आधार पर अमेरिकी 10 वर्षीय प्रतिफल में 10-30 आधार अंक की मामूली वृद्धि को पचाना आसान रहा है।

उभरते बाजार के विदेशी मुद्रा भंडार के लिए चुनौतीपूर्ण दायरा अक्सर 30 आधार अंक से ऊपर, इ​क्विटी और निर्धारित आय के लिए 40 आधार अंक से ऊपर रहा है। ये स्तर हाल के दिनों में छुए गए, और यदि 6 प्रतिशत या उससे अ​धिक की फेड दर वृद्धि का असर दिखा तो इन स्तरों के टूटने की संभावना बनी रहेगी।’

यूबीएस के अनुसार, पिछले 12 महीनों के दौरान अमेरिकी दरों में भारी तेजी के संदर्भ में इ​क्विटी मूल्यांकन अच्छा बना रहा।
यूबीएस ने कहा है, ‘इ​क्विटी रिस्क प्रीमिया वै​श्विक वित्तीय संकट के बाद निचले स्तर पर है। हमने इस साल मजबूत विदेशी प्रवाह दर्ज किया, सबसे ज्यादा मासिक प्रवाह जनवरी में चीनी इ​क्विटी में देखा गया और कोरिया तथा ताइवान के बाजारों के लिए वर्ष की शुरुआत मजबूत हुई। इस संदर्भ में, और ज्यादा अमेरिकी प्रतिफल तेजी उभरते बाजारों के लिए नकारात्मक साबित होगी।’

First Published - March 6, 2023 | 7:54 PM IST

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