एडलवाइस फाइनैंशियल सर्विसेज अपनी म्युचुअल फंड इकाई की अल्पांश हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। कंपनी ने एक निवेश बैंकर की सेवाओं के साथ इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। एडलवाइस फंड भारत में 13वां सबसे बड़ा फंड हाउस है और इसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये हैं।
एडलवाइस म्युचुअल फंड की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा कि अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को और मजबूत बनाने के लिए हम अल्पांश रणनीतिक साझेदारों की संभावना तलाश रहे हैं। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि वैल्यू और विजन में मजबूत तालमेल हो।
कंपनी की योजना एडलवाइस म्युचुअल फंड और अन्य कारोबारों को आगामी वर्षों में एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने की भी है। एडलवाइस फाइनैंशियल विविध कारोबारों वाली वित्तीय सेवा कंपनी है जिसकी क्रेडिट, ऐसेट मैनेजमेंट, ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन और बीमा क्षेत्र में सहायक कंपनियां हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एडलवाइस फाइनैंशियल अपने म्युचुअल फंड कारोबार का मूल्यांकन 70-80 करोड़ डॉलर कर रही है। एडलवाइस म्युचुअल फंड का कर बाद लाभ वित्त वर्ष 24 में 38 करोड़ रुपये रहा जो वित्त वर्ष 23 के 18 करोड़ रुपये के मुकाबले 2.1 गुना ज्यादा है। कंपनी का राजस्व 32 फीसदी बढ़कर 157 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो पहले इसी अवधि में 119 करोड़ रुपये रहा था।
फंड की ज्यादातर एयूएम भारत बॉन्ड ईटीएफ यानी डेट में है जो काफी बड़ा हिस्सा है। हालांकि साल 2023 में डेट फंड के कराधान में बदलाव के बाद फंड अपने एयूएम में इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं की हिस्सेदारी बढ़ा रहा है। वित्त वर्ष 23 के आखिर में डेट फंड की हिस्सेदारी 74 फीसदी थी, जो मार्च 2024 में घटकर 65 फीसदी रह गई।
इक्विटी और हाइब्रिड पर ध्यान केंद्रित करने से फंड को एक साल में अपने एसआईपी खातों का आकार 35 फीसदी बढ़ाकर 234 करोड़ रुपये पर पहुंचाने में मदद मिली। एसआईपी खाते 51 फीसदी बढ़कर 6,00,000 से अधिक हो गए। हाल के वर्षों में म्युचुअल फंड के क्षेत्र में कई नई कंपनियां उतरी हैं। मजबूत वृद्धि के बीड विलय-अधिग्रहण भी हुए हैं। हालांकि ये सौदे पूर्ण अधिग्रहण या बहुलांश हिस्सेदारी बिक्री से संबंधित रहे हैं। हाल में इंडसइंड होल्डिंग्स ने इन्वेस्को एएमसी के 60 फीसदी हिस्से का अधिग्रहण किया है।
उद्योग प्राथमिक बाजार से भी दूर रहा है। 45 परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) में से सिर्फ चार ने ही अपने म्युचुअल फंड कारोबार को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराया है। आखिरी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम साल 2021 में आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी का आया था।