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कॉनकोर-धीमी रफ्तार

Last Updated- December 07, 2022 | 2:01 AM IST

जेएनपीटी टर्मिनल पर वॉल्यूम की अच्छी खासी संख्या के आयात-निर्यात से 3,341 करोड़ की लाजिस्टिक प्लेयर कॉनकार को वित्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में राजस्व में 12 फीसदी बढ़त हासिल करने में मद्द मिली।


हालांकि कि कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 1.6 फीसदी की गिरावट आई और यह 25.7 फीसदी के स्तर पर आ गया। लेकिन कंपनी के परिणामों ने शयेर बाजार पर कोई विपरीत असर नहीं डाला।

कंपनी की लोअर मार्जिन की वजह लीज की जमीन के लिए दिए गए ऊंचे मूल्य रहे। कंपनी को इनलैंड कंटेनर डिपो,कंटेनर फ्रेट स्टेशन और कर्मचारियों पर पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा खर्च करना पड़ा। वित्तीय वर्ष 2008 में कॉनकार की सालाना मार्जिन में भी दो फीसदी की गिरावट आ गई और यह 27 फीसदी केस्तर पर आ गया। कंपनी के एक्जिम सेगमेंट में वॉल्यूम की बिक्री में 20 फीसदी की अच्छी खासी बढ़त देखी गई।

जो कंपनी के पहली तीन तिमाहियों के औसत से भी ज्यादा है। इस बिक्री से कंपनी को अपनी टॉपलाइन ग्रोथ बरकरार रखने में मद्द मिली। कंपनी ने वित्त्तीय वर्ष 2008 की तिमाही में 904 करोड़ की टॉपलाइन ग्रोथ हासिल की। जिसमें कंपनी के एक्जिम सेगमेट की हिस्सेदारी 79 फीसदी है। हालांकि कंपनी की इस सेगमेंट से वापसी में करीब नौ फीसदी की गिरावट आई।

इसकी वजह यह रही कि साल की शुरुवात में कॉनकार ने अपने ग्राहकों से 40 फुट के कंटेनर पर कुछ अतिरिक्त शुल्क लेना शुरु किया। हालांकि कंपनी ने टर्मिनल हैंडलिंग शुल्क में 15 फीसदी की कटौती भी की। कंपनी के मजबूत आधार केबावजूद भी मार्च की तिमाही में कंपनी वॉल्यूम में महज चार फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई। हालांकि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और इंडो रामा जैसे निश्चित ग्राहक होने की वजह से कंपनी की वापसी 15.3 फीसदी के अच्छे स्तर पर रही।

कंपनी ने हाल में कारपोरेट टाई-अप के जरिए कारोबार को बढ़ाने का तरीका अपनाया है। कंपनी का मार्जिन डिस्काउंट देने की वजह से कम रहा। कंपनी द्वारा डिस्काउंट देने की वजह है कि कंपनी को सड़क ट्रांसपोर्टरों से कड़ी स्पर्धा मिल रही है। जबकि कंपनी को कारोबार में नवप्रवेशियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है फिर भी अच्छी बुनियादी संरचना,इनलैंड कंटेनर डिपो और बैगन फ्लीट की वजह से कंपनी की स्थिति बेहतर रहनी चाहिए।

इसके अतिरिक्त कॉनकार अब कंपनियों को शुरु से अंत तक लॉजिस्टिक सॉल्यूशन प्रदान कर रही है। । हालांकि संभावना है कि वित्तीय वर्ष 2009 के अंत तक कंपनी 3,700 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर लेगी और उसका नेट प्रॉफिट 850 करोड़ तक हो जाएगा। मौजूदा बाजार मूल्य 879 रुपए के स्तर पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 13.3 गुना के स्तर पर हो रहा है। हालांकि इससे काफी छोटी कंपनी गेटवे डिस्ट्रीपार्क्स के स्टॉक का कारोबार 110 रुपए के मूल्य पर हो रहा है।

जीएमआर इंफ्रा-बढ़त पर नजर

बुनियादी संरचना निर्माण कंपनी जीएमआर के ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में वित्त्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में 5.1 फीसदी की तेज गिरावट देखी गई। इसके बाद कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 17.1 फीसदी के स्तर पर आ गया।

2,295 करोड़ की इस कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट की वजह हैदराबाद हवाई अड्डे के विकास कार्यों में आया खर्चा रहा। कंपनी को दिल्ली एयरपोर्ट के कर्मचारियों के वेज प्रावधानों के लिए भी काफी खर्च करना पड़ा। इस सभी कारणों की वजह से कंपनी का कुल लाभ महज 50 करोड़ रहा। जो कि बाजार की आशाओं के अनुरुप नही है।

हालांकि कि कंपनी के वामगिरी प्लांट के शुरु होने और दिल्ली एयरपोर्ट से मिल रहे महंगे विज्ञापनों और करमुक्त छूट की वजह से कंपनी की मार्च 2008 की तिमाही में बिक्री 43 फीसदी बढ़कर 885 करोड़ पर पहुंच गया। कंपनी को पॉवर सेगमेंट से करीब कुल राजस्व का 70 फीसदी राजस्व प्राप्त होता है। हालांकि कंपनी केसाहिबा गोकेन हवाई अड्डे के नियंत्रण में देरी हो रही है जिसे कंपनी विकसित करने जा रही है।

इसके साथ ही हैदराबाद हवाई अड्डे में घरेलू यात्रियों पर लगने वाले यूजर डेवलेपमेंट फीस में हो रही देरी से भी कंपनी के वर्तमान वर्ष के राजस्व पर प्रभाव पड़ सकता है। कंपनी का वित्तीय वर्ष 2009 में राजस्व के लगभग 4,000 करोड़ के आसपास रहने की संभावना है जबकि कंपनी का कुल लाभ 425 करोड़ के आसपास रहेगा।

कंपनी के स्टॉक में साल 2008 के प्रारंभ से अब तक 42 फीसदी की गिरावट आ गई है जिसकी वजह है कि बाजार अभी भी दिल्ली एयरपोर्ट के 45 एकड़ जमीन पर शुल्क निश्चित होने का इंतजार कर रहा है। मौजूदा बाजार मूल्य 135 रुपए केस्तर पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार उसकी वित्त्तीय वर्ष  2009 में अनुमानित संचित आय के 54 गुना के स्तर पर हो रहा है। कंपनी का स्टॉक अभी महंगा है।

First Published - May 27, 2008 | 11:58 PM IST

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