किसानों के लिए 60,000 हजार करोड़ की कर्जमाफी का पैकेज भले ही बैंकिंग क्षेत्र के लिए सिर दर्द हो, पर देश का दोपहिया वाहन उद्योग इस पैकेज को बेशकीमती सौगात के तौर पर देख रहा है।
टाटा की नैनो कार की घोषणाभर से हलकान मोटरसाइकिल कंपनियां इस बात से बहुत खुश हैं कि वित्त मंत्री का यह कदम गांवों की 40 फीसदी तबके में खुशहाली लाएगा।
जाहिर है, गांवों की खुशहाली से उनके भी खुश होने की वजह उनके लिए भी कुछ खुशी तो लाएगी ही। उनकी खुशी इसलिए है क्योंकि उनका मानना है कि इससे गांव के लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और दोपहिया वाहनों और इन्हें बनाने वाली कंपनियों पर छाए दुर्दिन खत्म हो जाएंगे।
हीरो होंडा के एक अधिकारी दावा करते हैं- किसानों की कर्ज माफी का मतलब गांव के लोगों की खरीदारी की क्षमता बढ़ना है। इससे दोपहिया वाहनों का बाजार फिर से गर्म हो सकता है।
यही नहीं, दोपहिया वाहनों के उत्पाद कर में कटौती होने और मोटरसाइकिल कंपनियों द्वारा गाड़ियों की कीमतों में कटौती किए जाने से भी इस सेक्टर के अच्छे दिन लौटने का अनुमान जताया जा रहा है।
हालांकि यह हाल केवल मोटरसाइकिल उद्योग का ही नहीं है। कई दूसरे क्षेत्र भी यूपीए सरकार के इस निर्णय को अपने हित में मान रहे हैं। इनमें सीमेंट, उर्वरक और घरेलू उपभोक्ता सामान बनाने वाले उद्योग शामिल हैं।
हालांकि इन उद्योगों का यह आकलन इस कारोबारी गणित के हिसाब से सही लगता है कि लगभग आधे दोपहिया वाहन गांवों में ही बिकते हैं। वहीं सीमेंट और घरेलू सामानों का बड़ा बाजार भी गांवों में ही है।
जाहिर है, वित्त मंत्री का यह पैकेज न केवल किसानों के लिए बल्कि इन औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी बड़ी सौगात लेकर आया है। इस पैकेज से भले ही गांवों में प्रत्यक्ष तरीके से पैसा नहीं पहुंचेगा, पर यह जरूर है कि देनदारों का बोझ हल्का होने से उनका तंग हाथ और मन कुछ खर्चने को मचलेगा।
इसका मतलब यह होगा कि इस राहत से बची आधी राशि बचत के रूप में कहीं जमा हो जाएगी जबकि आधी बाजार में खर्च हो लौट जाएगी।
गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक एच.के.प्रेस ने इस बारे में बताया कि गांवों की आर्थिक सेहत सुधरने से रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों की बिक्री में गुणात्मक बढ़ोतरी होगी।
इससे शहरी इलाके में लगभग स्थिर हो चुके बाजार के बावजूद एफएमसीजी सेक्टर में जबरदस्त बूम आ सकता है। यह इस लिहाज से हमारी लिए खुशी का मौका है।
टाटा केमिकल्स के एग्री-बिजनेस के सीईओ एल.एस.राठौर इस पूरे मसले पर अपनी बात रखते हुए कहते हैं-गांवों में किसान संसार नाम के ब्रांड तले हम 600 खुदरा स्टोर खोलने जा रहे हैं।