28 जुलाई को Central Depository Services (CDSL) के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। कंपनी के कमजोर तिमाही नतीजों और प्रतिद्वंद्वी NSDL के IPO के चलते CDSL के शेयर 5.23% टूटकर ₹1,530 तक पहुंच गए, और दिन के अंत में ₹1,524.50 पर बंद हुए, यानी 5.59% की गिरावट आई। इस दिन S&P BSE Sensex भी 0.70% गिरकर 80,891 के स्तर पर बंद हुआ।
CDSL के अप्रैल-जून 2025 (Q1FY26) तिमाही के नतीजे निवेशकों को खासे निराश करने वाले रहे। कंपनी का मुनाफा पिछले साल की तुलना में करीब 24 प्रतिशत गिरकर ₹102.36 करोड़ रह गया, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह ₹134 करोड़ था। कंपनी की कुल आय में मामूली 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो ₹258.9 करोड़ रही। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब CDSL के मुनाफे में गिरावट दर्ज हुई है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कंपनी का बढ़ता खर्च और मुनाफा मार्जिन में कमी।
CDSL के कमजोर नतीजों के साथ-साथ एक और वजह जिससे शेयरों पर दबाव बना, वह है नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का आने वाला IPO। NSDL का IPO 30 जुलाई को खुलेगा और यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, यानी कंपनी इस ऑफर से कोई नया पैसा नहीं जुटाएगी, सिर्फ मौजूदा शेयरधारक अपने शेयर बेचेंगे। NSDL का प्राइस बैंड ₹760 से ₹800 प्रति शेयर तय किया गया है और एक लॉट में 18 शेयर होंगे।
CDSL और NSDL दोनों ही डिपॉजिटरी कंपनियां हैं, लेकिन इनका काम करने का तरीका थोड़ा अलग है। NSDL मुख्य रूप से बड़े-बड़े संस्थागत निवेशकों के लिए काम करती है, जबकि CDSL का फोकस छोटे रिटेल निवेशकों पर ज्यादा है। CDSL ने देशभर के ब्रोकरों और फिनटेक प्लेटफॉर्म्स के साथ साझेदारी करके खुद को ज्यादा लोगों तक पहुंचाया है, इसलिए उसके ग्राहकों की संख्या भी अधिक है।
अब निवेशकों के मन में सवाल है, क्या उन्हें CDSL के शेयर बेचकर NSDL के IPO में पैसा लगाना चाहिए? बाजार विशेषज्ञों की राय में ऐसा करना जरूरी नहीं है। उनका मानना है कि NSDL का IPO एक अच्छा मौका हो सकता है, लेकिन इसके लिए CDSL जैसे मजबूत शेयर को बेचना कोई समझदारी नहीं है।
विशेषज्ञ दीपक जसानी बताते हैं कि CDSL के पास भले ही NSDL की तुलना में कम संपत्ति हो, लेकिन उसके पास ज्यादा ग्राहक हैं। इसी वजह से CDSL का शेयर बाजार में प्रीमियम पर ट्रेड करता है। वहीं NSDL अपना IPO उस दाम पर लाया है जो उसके ग्रे मार्केट प्राइस से भी नीचे है, जिससे निवेशकों में उत्सुकता बढ़ी है। जसानी का मानना है कि दोनों कंपनियों को भारत में डिमैट खातों की संख्या में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।
दूसरे बाजार विशेषज्ञ अंबरीश बालिगा का मानना है कि NSDL का IPO आकर्षक वैल्यूएशन पर पेश किया गया है। उनका कहना है कि NSDL का वैल्यूएशन अभी CDSL से सस्ता है। IPO के ऊपरी प्राइस बैंड ₹800 पर यह FY25 के प्राइस टू अर्निंग रेशियो के हिसाब से 47 गुना है, जबकि CDSL 67 गुना पर ट्रेड कर रहा है। इतना ही नहीं, NSDL का यह प्राइस उसके हाल ही के अनलिस्टेड शेयर प्राइस से भी करीब 19% कम है।
हालांकि वे यह भी बताते हैं कि IPO में पूरा शेयर मिलना तय नहीं होता। अगर IPO ओवरसब्सक्राइब हो गया, तो अलॉटमेंट लॉटरी या प्रोराटा के आधार पर होगा, जिसमें कोई गारंटी नहीं होती। इसलिए यह सोचना कि IPO में हिस्सा जरूर लेना है, और उसके लिए CDSL जैसे शेयर बेचना चाहिए। यह समझदारी नहीं है।