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भारती-अफ्रीका से बुलावा

Last Updated- December 06, 2022 | 10:01 PM IST

जोहान्सबर्ग सें अधिसूचित दूरसंचार कंपनी एमटीएन का अधिग्रहण करना सिंगटेल जैसी भागेदार के साथ होते हुए भी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के लिए आसान न होगा।


इसलिए एमटीएन को खरीदना कंपनी केलिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। इसकी वजह एमटीएन को खरीदने में करीब 1600 अरब रुपये की जरुरत होगी और इसमें 51 फीसदी हिस्सेदारी की कीमत लगभग 880 अरब से 1000 अरब के बीच होगी।


यह एक बड़ी राशि होगी इसके बावजूद भी कि भारती वित्तीय वर्ष 2010 से 2012 तक प्रतिवर्ष 120 अरब का फ्री कैस जुटाने की स्थित में है। हालांकि कि कंपनी देश केएक चौथाई वायरलेस बाजार का नियंत्रण करती है,फिर भी कंपनी की योजना अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने की होगी। इसके लिए कंपनी को स्पेक्ट्रम और उपकरणों में और निवेश करना पड़ेगा।


यद्यपि इस कीमत पर भी यह सौदा कंपनी केलिए एक बेहतर अवसर है क्योंकि इसके बाद कंपनी को अफ्रीकी महादीप के 20 देशों में कंपनी की पहुंच हो जाएगी। इन देशों में अभी दूरसंचार सेवाओं का ठीक से विकास नही हुआ है और दूरसंचार सेवाएं 43 फीसदी भाग तक ही सीमित हैं। कंपनी के लिए यहां वृध्दि के पर्याप्त अवसर है।


एक बिजनेस मॉडल में अपने कारोबार का नऐ भौगोलिक क्षेत्रों तक प्रसार एक अच्छा विचार है और भारती एमटीएन का भी लो-कॉस्ट परिचालन कर सकती है। इसके लिए कंपनी अपने देश में लागू किए गए लो-कॉस्ट मॉडल का इस्तेमाल कर सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि एमटीएन की कॉस्ट प्रति मिनट भारतीय एयरटेल से काफी ज्यादा है।


इसके अतिरिक्त दोनों केपास संयुक्त रुप से 1250 लाख से 1300 लाख तक उपभोक्ता होंगे और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा भी होगा। इतने उपभोक्ताओं के बाद भारती उपकरणों और हैंडसेट का निर्माण करने वाली कंपनियों से मोलभाव करने की स्थिति में होगी।


भारती और एमटीएन दोनों ऊंचा लाभ कमाने वाली कंपनियां है जिनका ऑपरेटिंग मार्जिन 40 फीसदी से भी ज्यादा है और दोनों का संयुक्त रुप से इडिब्टा करीब 280 अरब है। कंपनी के लिए आगे बेहतर अवसर हो सकते है क्योंकि इस बिजनेस के आर्कषक बने रहने के आसार हैं। इन हालातों में भारती पर कर्जे का 40 अरब से भी ऊपर बढ़ जाना परेशान करने वाला नहीं है।


जी ई शिपिंग-लहरों से कमाई


करीब 3,108 करोड़ का कारोबार करने वाली जी ई सिपिंग ने वित्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में टैंकर और ड्राई बल्क दोनों सेगमेंट में बेहतर बढ़त दिखाई लेकिन परिचालन में लगने वाली ऊंची लागत की वजह से कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन दबाव में रहा।


टैंकर का इस्तेमाल क्रूड और पेट्रोलियम उत्पादों के यातायात के लिए किया जाता है। कंपनी की क्षमता में इसकी बहुत ज्यादा भागेदारी है। जबकि ड्राई बल्क कैरियर का इस्तेमाल लोहे केअयस्क और कोयले के यातायात के लिए किया जाता है।


परिणामों की घोषणा के समय जी ई सिपिंग केपास 43 मालवाहक जहाज थे और कंपनी ने अपने परिणामों जिस बात पर जोर दिया कि वित्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में कंपनी को क्रूड ऑयल केयातायात से प्रति दिन प्राप्त औसत राजस्व में सालाना 15 फीसदी की बढाेत्तरी हुई। इससे कंपनी का क्रूड ऑयल के यातायात से प्राप्त राजस्व बढ़कर 35,139 डॉलर केस्तर पर पहुंच गया।


कंपनी की कोर फ्रेट और चार्टर हॉयर आय में भी करीब 36 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और यह बढ़कर 738 करोड़ पहुंच गया। कंपनी ने वैश्विक शिपिंग उद्योग में बढ़ती मांग को देखते हुए दूसरी कंपनियों के मालवाहक जहाजों का भी इस्तेमाल किया लेकिन इससे कंपनी का ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ गया क्योंकि कंपनी ने चार्टड शिप को किराये पर लिया था।


इसप्रकार कंपनी का 2008 की मार्च तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 2.2 फीसदी गिरकर 52.8 फीसदी के स्तर पर आ गया। इसके अतिरिक्त ऑपरेटिंग प्रॉफिट जिसमें जहाजों की बिक्री और अन्य आय भी शामिल है,में 30 फीसदी से कुछ अधिक की बढ़ोत्तरी हुई और यह बढ़कर 389.6 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी की पूंजी बढ़ने से कंपनी को बेहतर रिटर्न प्राप्त करने में मद्द मिली। यह रिटर्न कंपनी को कैपिटल इम्प्लोएड से मिला।


वित्तीय वर्ष 2008 केलिए जी ई शिपिंग का संचित कोर ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 4.9 फीसदी गिरकर करीब 44 फीसदी पर आ गया। इसकी वजह कंपनी का चार्टड जहाजों को किराए पर लेना रहा। भविष्य में कंपनी की अपनी फ्लीट क्षमता को बढ़ाने की योजना है। इसके लिए कंपनी अगली कुछ तिमाहियों में 2,385 करोड़ का निवेश करेगी। इससे कंपनी को लागत पर कड़ी नजर रखने में मद्द मिलेगी।


एशियाई देशों की ओर से बढ़ती मांग के कारण टैंकर और ड्राई बल्क सेगमेंट दोनों सेगमेंट में स्पॉट फ्रेट रेट केदाम सालाना आधार पर ऊंचे हैं। मौजूदा बाजार मू्ल्य 453 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2008 की संचित आय से 4.7 गुना ज्यादा के स्तर पर है।

First Published - May 7, 2008 | 10:34 PM IST

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