रिलायंस एनर्जी लिमिटेड ने हाल ही में 5 शेयर पर 3 शेयर देने की घोषणा की। उसका मीडिया ने स्वागत किया। मीडिया की प्रतिक्रिया थी कि आरईएल के चेयरमैन अनिल अंबानी 5000 करोड़ रुपये बतौर बोनस दे रहे हैं। इससे रिटेल शेयरधारकों के लिए अब एक आईपीओ का मूल्य लगभग 270 रुपये होगा। अगर हम पूरे मुद्दे पर गौर करते हैं तो यह बात स्पष्ट हो जाती है कि आईपीओ का सही मूल्य 250 से 300 रुपये के बीच होना चाहिए। बोनस इश्यू के जरिए रिटेल शेयर धारकों की भरपाई का दावा बिलकुल गलत नहीं हो सकता। संभव है कि इसका बाजार मूल्य वास्तव में घटकर 270 रुपये तक हो गया हो। अब अहम सवाल यह है कि आईपीओ के मूल्य स्तर को 350 रुपये से ऊपर ले जाने की कोशिश हुई या नहीं। इसमें बाजार को चलाने वाले लोगों की क्या भूमिका रही, जो अब अपने मुनाफे की मांग कर रहे हैं। बोनस इश्यू के जरिये कौन सी बात उभर कर आ रही है। अब इस बात को जानना बेहद जरुरी है कि वास्तव में कि तने खुदरा निवेशकों के पास अब तक उनके शेयर हैं और उनका वास्तविक लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं। रॉबिन हुड के क्लासिक मामले के ठीक उलट यह अपने आप में क्लासिक मामला है जब गरीब खुदरा निवेशकों का पैसा अमीरों तक पहुंच रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि खास समय पर इसकी योजना बनाई गई। अब सवाल यह है कि आईपीओ लाने के पहले क्या कोई आक्सिमक योजना बनाई गयी या तब जब आईपीओ की कीमत बाजार में गिर गयी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि बाजार के हर रुख पर निगाह रखी जा रही थी। अंबानी ने पूरी निष्पक्षता से आईपीओ की कम होती कीमतों की जांच की मांग रखी है। किसने शेयरों को खरीदा और बेचा, ज़ब इसके आंकड़े मिलेंगे और जब किसी विश्वसनीय सुत्रों के जरिए इसका खुलासा होगा तभी इसके रहस्य पर से पर्दा उठेगा।
