चालू कैलेंडर वर्ष में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) भी शामिल है। बाजार में वर्ष 2021 के कमजोर प्रदर्शन के बाद इस क्षेत्र के शेयरों में तेजी देखी गई। इसके परिणामस्वरूप निफ्टी 50 सूचकांक में BFSI क्षेत्र में मजबूती से वृद्धि हुई है।
BFSI क्षेत्र का अब सूचकांक में 36.7 फीसदी भारांक है, जो दिसंबर 2021 के अंत में अपने चार साल के निचले स्तर 33.7 फीसदी से काफी अधिक है। हालांकि, इसके बावजूद इस क्षेत्र को अपने पहले के उच्चतम स्तर तक पहुंचने के लिए और निवेश की आवश्यकता होगी। अपने उच्चतम स्तर पर, BFSI क्षेत्र की कंपनियां निफ्टी 50 इंडेक्स में 40.6 फीसदी भारांक के साथ बाजार में सबसे उच्चतम स्तर पर कारोबार करने वाली कंपनियां थीं।
निफ्टी 50 में 11 BFSI कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण सालाना आधार पर 12.3 फीसदी बढ़ा है, जबकि 50 शेयरों वाले सूचकांक के संयुक्त एम-कैप में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। BFSI कंपनियों का गुरुवार को संयुक्त बाजार पूंजीकरण 42.45 लाख करोड़ रुपये था, जो दिसंबर 2021 के अंत में 37.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इसी अवधि के दौरान, सभी 50 इंडेक्स शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण बढ़कर 147.2 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि दिसंबर 2021 के अंत में यह 138.06 लाख करोड़ रुपये था।
इंडेक्स के हिस्से वाली BFSI कंपनियों के पूंजीकरण में वृद्धि वर्तमान कैलेंडर वर्ष के दौरान अब तक बैंकिंग शेयरों में तेजी की तुलना में कम रही है। विश्लेषकों ने इसके लिए निजी बैंकों और खुदरा गैर-बैंक ऋणदाताओं के शेयर मूल्य और एम-कैप में अपेक्षाकृत कम वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया है जो सूचकांक में BFSI पर शीर्ष स्थान पर हैं। BFSI क्षेत्र में सबसे अधिक तेजी सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों (PDB) में इस बार कम तेजी देखी गई।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक (एमडी) जी चोकलिंगम ने कहा कि हालांकि, पीएसबी की छोटे बाजार पूंजीकरण के कारण बेंचमार्क सूचकांकों में बहुत कम उपस्थिति है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) निफ्टी 50 इंडेक्स का हिस्सा बनने वाला एकमात्र पीएसबी है।
वर्तमान कैलेंडर वर्ष के दौरान अब तक एसबीआई के शेयर की कीमत में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह न तो सर्वाधिक मूल्यांकन वाली बैंक है और न ही सूचकांक में इसका भारांक बहुत अधिक है। अपने मौजूदा बाजार पूंजीकरण और गैर-प्रवर्तक शेयरधारिता पर, SBI का सूचकांक में 2.8 फीसदी भारांक है, जो HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसे निजी समकक्षों के भारांक का एक भाग है।
HDFC बैंक 9.1 लाख करोड़ के एम-कैप और 8.5 फीसदी के इंडेक्स भारांश के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद ICICI बैंक का एम-कैप 6.33 लाख करोड़ है और इसका इंडेक्स भारांश 7.5 फीसदी है। इन दोनों निजी बैंकों ने 2022 में अब तक अपने पीएसबी समकक्षों जैसे SBI की अपेक्षा कमजोर प्रदर्शन किया है। सेक्टोरियल इंडेक्स में भी इसका संकेत मिलता है। एनएसई निजी बैंक इंडेक्स में 22.2 फीसदी की तेजी देखी जा रही है, जबकि इसकी तुलना में एनएसई पीएसयू बैंक इंडेक्स सालाना आधार पर 71.3 फीसदी ऊपर है।
यह भी पढ़े: रियल एस्टेट में पीई निवेश 17 प्रतिशत घटा, गोदाम क्षेत्र में निवेश बढ़ा
तुलनात्मक रूप से, निफ्टी बैंक इंडेक्स 21.8 फीसदी ऊपर है और इसमें पीएसबी और निजी बैंक दोनों शामिल हैं। विश्लेषकों को संदेह है कि क्या BFSI क्षेत्र 2023 में अपने पिछले गौरव को फिर से प्राप्त कर सकता है। बैंक मार्जिन उच्च जमा और उधार लागत के कारण दबाव में आना शुरू हो गया है। और बैंकों में फंसे हुए ऋण में गिरावट से भी एकमुश्त लाभ हो सकता है।
सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में इक्विटी और रणनीति के निदेशक और प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा कि इसके कारण 2023 के शेयर कीमत और बैंकों की आय में बढ़ोतरी भी हो सकती है।