हैदराबाद की फार्मा कंपनी अरबिंदो फार्मा लिमिटेड अपने इक्विटी शेयर बाय बैक करने के लिए कानूनी सलाह ले रही है।
हालांकि हाल ही में कंपनी ने शेयरों के बाय बैक के लिए अपने आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन में कुछ फेरबदल भी किया था लेकिन सेबी के नए नियमों के मद्देनजर कंपनी फिलहाल नहीं समझ पा रही है कि वह ऐसा कर सकती है या नहीं।
सेबी के नए नियमों के मुताबिक जिस कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 55 फीसदी से ज्यादा होती है उस कंपनी के शेयर बाय बैक नहीं किए जा सकते हैं। फिलहाल अरबिंदो के प्रमोटरों की कंपनी की में हिस्सेदारी 55.6 फीसदी है।
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक अरबिंदो का प्रस्ताव के मुताबिक शेयरों का बाय बैक कंपनी के नाम से ही किया जाना है ना कि प्रमोटरों के नाम से, लेकिन इस प्रक्रिया में भी प्रमोटरों की हिस्सेदारी बढ़ जाएगी।
कंपनी इस समय यह बाय बैक इसलिए करना चाहती है क्योकि इसकी मार्केट वैल्यू इसके एक साल के 2500 करोड़ के टर्नओवर से कम है और 440 करोड़ के एबिटा यानी (अमॉर्टाइजेशन, डेप्रिसिएशन, टैक्स और ब्याज पूर्व की कमाई)के चार गुना से कम है।
एनालिस्टों के मुताबिक अरबिंदो अकेली ऐसी फार्मा कंपनी है जिसका पीई पांच से कम है। अरबिंदो के इस समय कुल 540 लाख शेयर हैं जिनकी मार्केट वैल्यू 1800 करोड़ से कम है। बीएसई में इस कंपनी का शेयर का पिछले एक साल का उच्चतम भाव 820 रुपए रहा है जबकि न्यूनतम भाव 233 रुपए रहा है। पिछले हफ्ते इसका भाव 338 रुपए के करीब था।
दिसंबर 2007 को खत्म हुए नौ महीनों में(कंपनी ने चौथी तिमाही के नतीजों का अभी ऐलान नहीं किया है) अरबिंदो को 1835 करोड़ रुपए की इनकम हुई है और एबिटा 324 करोड़ रुपए का रहा है जबकि इसका अर्निंग प्रति शेयर 24.96 रुपए रहा है। अगर सेबी कंपनी को बाय बैक की मंजूरी दे देती है तो कंपनी अपने शेयर अपनी नेटवर्थ के दस फीसदी कीमत तक पर शेयर खरीद सकती है जो 2006-07 के आंकड़ों के मुताबिक करीब एक हजार करोड़ रुपए होता है।