देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचीबद्ध वाणिज्यिक वाहन (सीवी) निर्माता कंपनी अशोक लीलैंड का शेयर 14 अगस्त से 9 फीसदी तक चढ़ा है। 14 अगस्त को कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 की अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। तिमाही में उम्मीद से बेहतर परिचालन प्रदर्शन और कम वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की उम्मीद से शेयर की कीमत में तेजी आई। कुछ ब्रोकरेज फर्मों ने पहली तिमाही के बाद कंपनी के लिए अपने परिचालन मुनाफा अनुमान बढ़ा दिए हैं, जबकि कुछ ने वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र की सुस्त वृद्धि की आशंका को देखते हुए इस शेयर पर ‘घटाएं’ रेटिंग बनाए रखी है।
कंपनी ने सालाना आधार पर 1.5 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जो मुख्यतः 0.8 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि की वजह से संभव हुई, जबकि शेष वृद्धि प्राप्तियां सुधरने के कारण हुई। जून तिमाही में हालांकि बिक्री वृद्धि मामूली रही, लेकिन कंपनी अपने परिचालन लाभ में 6.4 प्रतिशत का इजाफा करने में सफल रही, जबकि परिचालन स्तर पर मार्जिन सालाना आधार पर 52 आधार अंक बढ़ा। हालांकि तिमाही आधार पर इसमें कमी आई क्योंकि मार्च तिमाही मौसमी रूप से एक मजबूत तिमाही होती है।
मार्जिन में यह सुधार गैर-व्यावसायिक वाहनों की मजबूत बिक्री, स्पेयर पार्ट्स की बढ़ी हुई बिक्री और पावर सॉल्युशंस कारोबार में 29 प्रतिशत की उछाल के अनुकूल मिश्रण के कारण हुआ। कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट में मल्टी-एक्सल वाहनों की बिक्री में वृद्धि के साथ मिश्रण में सुधार हुआ, जबकि निर्यात में भी 29 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।
कंपनी और वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र के लिए एक बड़ा बदलाव जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करना हो सकता है। कोटक रिसर्च के ऋषि वोरा और अपूर्व देसाई का मानना है कि इससे कमर्शियल व्हीकल चक्र में नई जान आएगी, क्योंकि इससे रीप्लेसमेंट मांग में बढ़ोतरी हो सकती है और बिक्री बढ़ सकती है। उन्हें उम्मीद है कि इस कदम का अशोक लीलैंड पर सकारात्मक असर पड़ेगा। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि राजस्व आधार में विविधता लाए जाने से कंपनी को वाणिज्यिक वाहन चक्र की चक्रीयता का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।