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मिड व स्मॉलकैप पर विश्लेषकों का तेजी का नजरिया

Last Updated- December 14, 2022 | 9:07 PM IST

एक ओर जहां एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी-50 नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है, वहीं मिडकैप व स्मॉलकैप भी तेजी की राह पर है और पिछले कुछ महीनों में इन दोनों सूचकांकों में अच्छी खासी तेजी देखने को मिली है। इस तेजी से ये दोनों सूचकांक बुधवार को 52 हफ्ते के नए उच्चस्तर पर पहुंच गए।
आंकड़े बताते हैं कि एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स ने मार्च 2020 के निचले स्तर से 86 फीसदी की बढ़त दर्ज कर अब 16,003 पर पहुंच गया है और इस तरह से उम्दा प्रदर्शन किया है। इसी तरह इस अवधि में मिडकैप इंडेक्स 70 फीसदी चढ़ा है और मोटे तौर पर बीएसई सेंसेक्स की तरह, जिसमें करीब 72 फीसदी की उछाल आई है।
विश्लेषक ऐसे उम्दा प्रदर्शन के लिए कई वजह बता रहे हैं, खास तौर पर लॉकडाउन के दौरान त्वरित रिटर्न के लिए खुदरा निवेशकों की तरफ से दिखाई गई दिलचस्पी।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम ने कहा, मिडकैप व स्मॉलकैप क्षेत्र में सिर्फ दिग्गजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है क्योंकि लॉकडाउन में सख्ती के बाद अर्थवव्यस्था धीरे-धीरे खोला गया। इन दिग्गजों व बाकी के बीच मूल्यांकन का अंतर समय के साथ बढ़ा है। अब पिछडऩे वाले भी आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा खास तौर से खुदरा निवेशकों की काफी रकम लॉकडाउन के दौरान इन दो क्षेत्रों में निवेशित हुई। इस वजह से पिछले कुछ महीनों में मिडकैप व स्मॉलकैप का प्रदर्शन बेहतर रहा है। तेज उछाल के बावजूद विश्लेषक अभी भी मिडकैप व स्मॉलकैप को लेकर तेजी का नजरिया बना हुआ है और वे साल 2021 में लार्जकैप के मुकाबले इनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं। हालांकि बाजार में रुक-रुककर गिरावट आ सकती है, ऐसे में शेयरों का चयन अहम होगा। मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने कहा, पोर्टफोलियो का रिटर्न निचले स्तर पर शेयरों के चयन के जरिए आगे बढ़ सकता है।
मॉर्गन स्टैनली के भारतीय शोध प्रमुख और भारतीय इक्विटी रणनीतिकार रिधम देसाई व शीला राठी ने अपने 15 नवंबर के विश्लेषण में कहा है, हमें लगता है कि स्मॉल व मिडकैप साल 2021 में छोटे सूचकांकों या लार्जकैप को मात दे देगा क्योंकि मेरा मानना है कि बाजार पूंजीकरण व लाभ का संकेंद्रण बढ़त के चक्र की वापसी के साथ शायद सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। मुझे उम्मीद है कि देसी साइक्लिकल का प्रदर्शन निर्यात के मुकाबले बेहतर होगा। वहीं एनर्जी का प्रदर्शन कमजोर रह सकता है।
कारोबारी गतिविधियां बहाल होने के बाद ज्यादातर अर्थशास्त्री भारत की आर्थिक रफ्तार के परिदृश्य में सुधार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए गोल्डमैन सैक्स ने भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2021 में 10.3 फीसदी घटने का अनुमान जताया जबकि पहले 14.8 फीसदी नकारात्मक बढ़त की भविष्यवाणी की गई थी। मूडीज का भी मानना है कि भारत की जीडीपी में सुधार किया है और अब कैलेंडर वर्ष 2020 में 8.9 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है।

First Published - November 19, 2020 | 12:03 AM IST

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