रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के उस आदेश को प्रतिभूति अपील अधिकरण (SAT) में चुनौती है, जिसमें सेबी ने रिलायंस होम फाइनैंस (RHFL) के 26 व्यक्तियों पर कुल 625 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। अनिल अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें पांच साल के लिए बाजार से बाहर कर दिया गया है।
22 अगस्त को जारी आदेश में सेबी ने प्रवर्तकों से जुड़े उधारकर्ताओं को ऋण बांटकर आरएचएफएल से रकम निकालने का आरोप लगाया था। सेबी ने यह भी कहा था कि वह कथित धोखाधड़ी वाली योजनाओं द्वारा अर्जित मुनाफा का निर्धारण करेगा और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सकती है। अधिकरण अन्य संबंधित याचिकाओं के इस मामले पर 18 अक्टूबर को सुनवाई कर सकता है।
रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनी रिलायंस कमर्शल फाइनैंस और आरएचएफएल के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी पिंकेश शाह ने भी अलग-अलग याचिकाओं में सेबी के आदेश को चुनौती दी है।
सेबी ने रिलायंस कमर्शल फाइनैंस पर 25 करोड़ रुपये और पिंकेश शाह पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्हें अगले पांच साल के लिए बाजार से बाहर कर दिया गया है और किसी दूसरी कंपनी में प्रमुख के तौर पर शामिल होने पर भी रोक लगा दी गई है।
यह मामला साल 2018 और 2019 के दौरान आरएचएफएल द्वारा दी गई सामान्य प्रयोजन कार्यशील पूंजी ऋण (जीपीसीएल) से संबंधित है। नियामक ने आरएचएफएल में कई अनियमितताएं, उल्लंघन और डिस्क्लोजर संबंधी खामियां पाईं। आरएचएफएल ने साल 2017-18 में 3,742 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, जो बढ़कर साल 2018-19 में 8,670 करोड़ रुपये हो गया।